जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु की सियासत में अगर सबसे बड़ा सवाल था तो यह की 'अम्मा' की विरासत को कौन संभालेगा? लेकिन निधन के बाद तमाम तरह की अटकलों से दूर पर्दे के पीछे रहीं शशिकला (चिनम्मा) मुख्य चेहरा बन कर उभरी।
एआईएडीएमके में लगातार मचे घमासान के बाद एक नया मोड़ आ चुका है। पार्टी में जारी घमासान के बाद राज्य के कार्यकारी मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम के आरोपों के बाद पार्टी महासचिव शशिकला ने उन्हें अन्नाद्रमुक के कोषाध्यक्ष पद से हटा दिया गया। आज तक कभी भी, कोई भी चुनाव न लड़ने वाली शशिकला तमिलनाडु की सियासत को अपने हाथों संभालने जा रही हैं।
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अम्मा जयललिता की मृत्यु के बाद से ही यह कयास लगाये जा रहे थे शशिकला सत्ता पर काबिज हो सकती हैं और ठीक वैसा ही हुआ। पहले वह पार्टी की महासचिव चुनी गईं और फिर विधायक दल की नेता भी चुन ली गईं। आइए बताते हैं कि कौन हैं शशिकला और तमिलनाडु की राजनीति से वह कैसे जुड़ी हैं...
शशिकला नटराजन का जन्म
शशिकला नटराजन का जन्म तंजौर जिले के मनारगुड़ी में हुआ था। कहा जाता है कि शशिकला फिल्में देखने की काफी शौकीन थीं इसी कारण उन्होंने पढ़ाई बीच में छोड़ दी थी, जयललिता उस वक्त की टॉप की हिरोईन थीं। फिल्म, हिरोईन और शौक ही उन्हें जयललिता के करीब ले आया था।
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वीडियो शॉप चलाती थीं शशिकला
शशिकला 25 साल पहले एक साधारण-सा वीडियो पार्लर चलाती थीं। शशिकला की शादी तमिलनाडु की सरकार में पब्लिक रिलेशन्स ऑफिसर नटराजन से हुई थी। शशिकला के पति नटराजन कडलोर जिले की कलेक्टर वीएस चंद्रलेखा के साथ काम करते थे। चंद्रलेखा तमिलनाडु के तत्कालीन एमजीआर के करीब थीं और एमजीआर अपनी सहअभिनेत्री जयललिता के भी काफी करीबी थे। जिससे शशिकला और जयललिता का कनेक्शन जुड़ता गया।
वीडियो शूट ने जयललिता से मिलवाया
शशिकला जयललिता का वीडियो शूट करना चाहती थी, जिसके चलते 1980 के दशक में दोनों की मुलाकात हुई। तब वो पार्टी की प्रचार सचिव थीं और अपनी प्रिय अभिनेत्री का वीडियो शूट करना चाहती थी। जिसके बाद दोनों की मुलाकात हुई और उनकी दोस्ती पूरी दुनिया ने देखी।
एमजीआर की मृत्यु के बाद शशिकला ने दिया जयललिता को सहारा
1987 में एमजी रामचंद्रन की मृत्यु के बाद जब जयललिता मुश्किल दौर से गुजर रही थीं तब शशिकला ने उन्हें सहारा दिया था। उस वक्त पार्टी में जानकी रामचंद्रन के समर्थकों की ओर से जयललिता को पार्टी से बाहर निकालने की मांग हो रही थी। जिसके बाद शशिकला मदद के लिए जयललिता के साथ रहने लगीं।
तमिलनाडु में अम्मा के बाद चिनम्मा
धीरे-धीरे शशिकला का कद बढ़ता गया और वे ही तय करतीं कि अम्मा क्या करें या ना करें। शशिकला और जयललिता की दोस्ती इतनी गहरी हो गई कि जयललिता के बाद शशिकला का एआईएडीएमके की सियासत का दूसरा सबसे बड़ा चेहरे बन गईं।
Source : News Nation Bureau