ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पिछले 23 साल, 127 दिनों से राज्य की सत्ता पर काबिज हैं. आज से ठीक 22 जुलाई से वह दूसरे सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बना लेंगे. सीएम ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1997 में की थी. 1998 में उन्होंने अपने पिता के नाम पर पार्टी की नींव रखी. सीएम पटनायक ने पार्टी का नाम बीजू जनता दल रखा है. नवीन पटनायक 2000 में ओडिशा की सत्ता में आए और तब से मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं.
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लोगों की समस्याओं को अपनी समस्या समझी
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 में जब सीएम जमीन पर उतरे तो उन्हें उड़िया भाषा भी नहीं आती थी. इन सबके बावजूद पटनायक ने ओडिशा की जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर ली. वे लोगों के बीच उतरे और उनकी समस्याओं को समझा. आज ओडिशा के बच्चे-बच्चे की जुबान पर सीएम पटनायक का नाम है.
वह देश के सबसे मशहूर सीएम की रेस में सबसे आगे आते हैं. सीएम पटनायक मीडिया से दूर रहते हैं. आपने उन्हें कभी उल्टा सीधा बयान देते नहीं सुना होगा. इस चीज को लेकर उनकी काफी तारीफ होती है. वही जो केंद्र में सरकार होती है, पटनायक उसको समर्थन देते हैं.
पहले बीमारू राज्य ओडिशा था
एक समय ओडिशा को बीमारू राज्य के रूप में देखा जाता था लेकिन सीएम ने इस छवि को पूरी तरह से बदल दिया. आज जब कोई ओडिशा की ओर देखता है तो उसकी नजर विकासशील ओडिशा की तरह होती है. एक समय कालाहांडी और रायगढ़ का नाम सुनते ही पूरे ओडिशा की छवि खराब हो जाती थी, लेकिन समय के साथ इन जगहों की हालत भी काफी बदल गई, अब भुखमरी और कुपोषण से पीड़ित लोगों की संख्या यहां नगण्य है.
अगर आपको याद हो तो साल 2001 में ही रायगड़ा के काशीपुर में आम के गुठली का पेस्ट खाने से 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी. इतना ही नहीं इस राज्य ने कई चक्रवाती तूफानों का भी सामना किया है. 1999 में ओडिशा में सबसे भयानक तूफ़ान आया था, जिसमें 10,000 लोगों की जान चली गई थी. इसी दौरान पटनायक ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी.
Source : News Nation Bureau