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WHO ने पेश की डरावनी तस्‍वीर, प्रदूषण से 1 लाख से अधिक बच्‍चों की मौत

सर्दी का मौसम शुरू होते ही राजधानी दिल्‍ली समेत पूरा एनसीआर एक बार फिर प्रदूषण की चपेट में आ गया है. समूचे एनसीआर में धुंध की चादर फैल गई है. इससे लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. खासकर सांस के रोगियों के लिए यह किसी मुसीबत से कम नहीं है. इस बीच विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने एक बहुत ही डरावनी तस्‍वीर पेश की है.

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Sunil Mishra
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WHO ने पेश की डरावनी तस्‍वीर, प्रदूषण से 1 लाख से अधिक बच्‍चों की मौत

प्रतीकात्मक तस्वीर

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सर्दी का मौसम शुरू होते ही राजधानी दिल्‍ली समेत पूरा एनसीआर एक बार फिर प्रदूषण की चपेट में आ गया है. समूचे एनसीआर में धुंध की चादर फैल गई है. इससे लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. खासकर सांस के रोगियों के लिए यह किसी मुसीबत से कम नहीं है. इस बीच विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने एक बहुत ही डरावनी तस्‍वीर पेश की है. रिपोर्ट की मानें तो साल 2016 में जहरीली हवा से देश में एक लाख से ज्यादा मासूम बच्चों की मौत हो गई. इनमें पांच साल से कम उम्र के 60,987 बच्चे शामिल हैं. रिपोर्ट बताती है कि दुनियाभर में प्रदूषित हवा के चलते साल 15 साल से कम उम्र के छह लाख बच्चों की मौत हो गई.

यह भी पढ़ें : दिल्ली में छाई धुंध की मोटी चादर, ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है हवा की गुणवत्ता

WHO की रिपार्ट बताती है कि भारत समेत निम्न और मध्यम आय-वर्ग के देशों में पांच साल से कम उम्र के 98 फीसद बच्चे साल 2016 में अतिसूक्ष्म कणों से पैदा वायु प्रदूषण के शिकार हुए. पांच साल से कम उम्र के 60,987 बच्‍चे पीएम 2.5 यानी हवा में मौजूद सूक्ष्म कणों के चलते मारे गए. वायु प्रदूषण से बच्चों की मौत के मामले में भारत दुनिया में पहले नंबर पर है. भारत के बाद नाईजीरिया दूसरे नंबर पर है, जहां 47,674 बच्‍चों की जानें गई हैं. पाकिस्‍तान में 21,136 बच्‍चे प्रदूषण का शिकार हुए. भारत में प्रदूषण से हुई मौत पूरी दुनिया में हुई मौतों का 25% है.

दिन पर दिन खराब होती जा रही है वायु की गुणवत्ता

पिछले दो हफ्तों के दौरान पीएम 2.5 खतरनाक स्तर पर चला गया है. सोमवार को दिल्ली में कोहरे की मोटी चादर थी, जबकि समग्र वायु गुणवत्ता एक्यूआई 348 पर पहुंच गई थी. केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ की श्रेणी में थी.

दुनिया भर में सबसे अधिक प्रदूषित शहरों की सूची में 14 भारत के 

दुनिया के सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में 14 भारत के हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ें 2016 में पर्टिकुलेट मैटर (पीएम स्तर) 2.5 पर आधार बनाकर जारी किए गए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 में से 9 लोग सांस के जरिए बेहद प्रदूषित हवा लेते हैं. प्रदूषित शहरों की इस लिस्ट में उत्‍तर प्रदेश का कानपुर शहर टॉप पर है. इसके अलावा फरीदाबाद, वाराणसी, गया, पटना, दिल्ली, लखनऊ, आगरा, मुजफ्फरपुर, श्रीनगर, गुरुग्राम, जयपुर, पटियाला और जोधपुर के नाम भी इस सूची में शामिल हैं. वहीं टॉप 15 प्रदूषित शहरों में कुवैत का अली सुबाह अल-सलेम इकलौता विदेशी शहर है. यह इस लिस्ट में पंद्रहवें नंबर पर है.

Source : News Nation Bureau

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