उत्तर प्रदेश की नई योगी सरकार ने लखनऊ के सिंहासन पर बैठते ही मनचले युवकों के खिलाफ मुहिम छेड़ दी। पुलिस की टीम दल-बल के साथ बड़े बाज़ारों और पार्कों में ऐसे युवा युगल जोड़ियों की तलाश करने लगे। सरकार ने पुलिस के इस दल का नाम रखा - ऐंटी रोमियो स्क्वाड। अब तो ऐसी 23 टीमें गठित हो गई हैं। इसमें महिला कांस्टेबल भी होंगी और हर ऐसे दस्ते को एक सब-इंस्पेक्टर लीड करेगा।
सवाल ये है कि पुलिस के इस दस्ते का नाम रोमियो क्यों रखा गया। ये रोमियो कौन है। रोमियो तो शेक्सपियर का एक बड़ा किरदार था। जिसके प्यार की मिसालें दी जाती हैं। कि उसने अपनी माशूका जूलियट के लिये क्या क्या नहीं किया और इतिहास में अमर हो गया। सवाल फिर वहीं उठता है कि मनचले और सरफिेरे आशिकों को भारत में कब से रोमिया बुलाया जाने लगा। और ऐसे रोमियो के पीछे पुलिस क्यों पड़ी है। मुहब्बत का हीरो भारत पहुंचते पहुंचते ज़ीरो कैसे हो गया। वो रोमिया जिसने अपनी माशूका के प्यार में अपनी जान दे दी थी।
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ऐंटी रोमियो स्काव्ड की कहानी तो उत्तर प्रदेश की नई सरकार की प्रशासनिक रवैये को दर्शाती है। हम आज आपको शेक्सपियर के उस किरदार से मिलवाते हैं - जिसका नाम था रोमियो। जिसकी एक माशूका थी - जूलियट। दोनों का प्यार इतना सच्चा था कि मरने के बाद भी वह हमेशा साथ ही रहे।
बेनोवोलियो अपने चचेरे भाई रोमियो, मोंटेग के बेटे के साथ रोमियो की स्थिति के बारे में बातचीत करता था। बेनोवोलियो को यह पता चलता है कि यह कैसलेटर की भतीजी में से एक, रोज़ालिन नाम की लड़की से प्यार करता है।
एक दिन रोज़ालिन के मोहब्बत में टूट चुका रोमियो एक पार्टी में पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात जूलिएट से हुई और उन दोनों में प्यार हो गया। जूलिएट के माता-पिता ने जूलिएट को पेरिस से शादी करने के लिए कहा। लेकिन जूलिएट के माता-पिता को नही पता था की जूलिएट ने पहले से रोमियो से शादी कर ली। शुरू-शुरू में जूलिएट ने अपने माता पिता से शादी करने से मना कर दिया क्योकि जूलिएट ने अपनी मौत का बहाना बनाकर रोमियो के साथ भागने की योजना बना रखी थी।
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यह योजना भी उन्होंने फ्रिअर लौरेंस के साथ मिलकर ही बनायी थी। दुर्भाग्यवश दोनों परिवारों के बीच जंग छिड़ गई। इस लड़ाई में रोमियो के एक करीबी दोस्त की मौत भी हो गई, जिसके बदले में रोमियो ने भी जूलिएट के चचेरे भाई की हत्या कर दी।
रोमियो को देश से बाहर जाने की सजा मिली। जूलिएट के परिवार वालों ने उसकी शादी का फैसला कर लिया था। शादी से बचने के लिए वह नींदवाली दवाई पीकर सो गई, ताकि सबको लगे कि वह मर चुकी है। रोमियो को इस नाटक के बारे में कुछ पता नहीं था। जूलिएट के मरने की खबर सुनकर वह वहां पहुंचा और उसने ज़हर पी लिया। जब जूलिएट का नशा उतरा तो सामने अपने प्रेमी का लाश देखकर वह सन्न रह गई। जूलिएट ने यह देख रोमियो के छुरे से ही खुद को मार डाला और आखिरकार दोनों की आत्मा एक हो गई।
रोमियो और जूलियट विलियम शेक्सपियर द्वारा लिखी गई एक स्थायी दुख की प्रेम कहानी है, जिसमें दो युवा प्रेमियों के बारे में बताया गया है, जिनकी मौतें अंततः उनके विवाद वाले परिवारों को एकजुट करती हैं। शेक्सपियर ने एक मूल इतालवी कथा से अपनी साजिश उधार ली ऐसा माना जाता है कि रोमियो और जुलिएट वेरोना के वास्तविक पात्रों पर आधारित थे।
तो आजकल के युवा जुगल जोड़े वाकई रोमियो-जूलियट की प्रेम गाथा की मिसाल हैं। या महज़ भटके हुए युवा जिनकी हरकतों को कुछ सरकारें बेजा मानकर उनपर अंकुश लगाना ज़रूरी समझती हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सच्चे प्यार पर पहरा लगाया जा सकता है।
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Source : Deshdeepak