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BJP National President: कौन बनेगा बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष, दौड़ में इन नामों की चर्चा

BJP National President: मोदी सरकार के गठन के बाद अब बारी है भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की. जानें इस रेस में कौन-कौन से नाम हैं आगे.

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Dheeraj Sharma
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Who Will Be BJP National President

Who Will Be BJP National President ( Photo Credit : File)

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BJP National President: बीजेपी के नेतृत्व में एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA की सरकार बन गई है. देश में लगातार तीसरी बार एनडीए ने सरकार बनाई है. वहीं पीएम मोदी समेत तमाम मंत्रियों को उनके विभागों का बंटवारा भी कर दिया गया है. इन मंत्रियों में एक नाम जेपी नड्डा का भी शामिल है. जेपी नड्डा को मोदी सरकार 3.0 (Modi 3.0) में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है. जेपी नड्डा को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है. कोरोना काल के बाद यह जिम्मेदारी आने वाले शोध और कई महत्वपूर्ण कामों के लिहाज से महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

बता दें कि जेपी नड्डा के केंद्रीय मंत्रिमंडल में आने के बाद सबसे ज्यादा चर्चा बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद को लेकर हो रही हैं. दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी का अध्यक्ष कौन होगा, इसको लेकर चर्चाओं का बाजार भी गर्म है. इस रेस में कई नाम आए चल रहे हैं. आइए जानते हैं कौन-कौन इस रेस में शामिल है. 

30 जून को खत्म हो रहा जेपी नड्डा का कार्यकाल 
बीजेपी अध्यक्ष की बात करें तो जेपी नड्डा का कार्यकाल 30 जून को खत्म हो रहा है. यानी इससे पहले बीजेपी के सामने नया अध्यक्ष चुनने की चुनौती भी होगी. एक तरफ नई सरकार का कामकाज और दूसरी ओर अपनी पार्टी को मजबूती देने और आने वाले पांच वर्षों में कार्यकर्ताओं के साथ-साथ संगठन की जमीन तैयार करने के लिए पार्टी को ऐसे नेतृत्व की जरूरत होगी जो न सिर्फ आगामी चुनाव बल्कि आने वाले समय में पार्टी के कुनबे को बढ़ाने में मददगार साबित हो. 

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अनुराग ठाकुर को मिल सकती है कमान
बीजेपी प्रेसिडेंट की रेस में जिन नामों का जिक्र सबसे ज्यादा हो रहा है उनमें हिमाचल प्रदेश के अनुराग ठाकुर का नाम शामिल है. अनुराग ठाकुर के नाम की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि वह मोदी सरकार को दोनों कार्यकाल में अहम पद संभाल चुके हैं. विश्वासपात्र होने के साथ-साथ अनुराग ठाकुर युवा हैं जो पार्टी में एक नई ऊर्जा का संचार करने का संदेश भी देंगे. इसके साथ-साथ अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश से आते हैं लिहाजा पार्टी चाहेगी कि जेपी नड्डा के बाद उसी प्रदेश से ही एक अन्य उम्मीदवार को कमान सौंपी जाए. इस बार अनुराग ठाकुर को पार्टी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं दी जो इस बात का इशारा करता है कि उन्हें पार्टी दूसरी बड़ी जिम्मेदारी सौंपने के मूड में है. 

महाराष्ट्र से दो नाम
महाराष्ट्र से विनोद तावड़े और देवेंद्र फडणवीस के नाम की भी चर्चा. बीजेपी अध्यक्ष की रेस में महाराष्ट्र के समीकरणों के साधने के लिहाज से पार्टी विनोद तावड़े को मौका दे सकती है. वह पहले भी राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं. यही नहीं एकनाथ शिंदे को एनडीए में लाने के पीछे भी इनकी अहम भूमिका मानी जाती है. हालांकि उम्र के लिहाज से तावड़े कुछ छोटे हैं. लेकिन युवा फैक्टर पर फोकस करना हुआ तो पार्टी इन्हें चुन सकती है.  संघ से करीबी रिश्ते इन्हें मौका दिला सकते हैं. तावड़े को बिहार का प्रभारी भी बनाया गया था, यहां पर पार्टी का जेडीयू के साथ गठबंधन भी कारगर रहा ऐसे में हो सकता है इन्हें प्राथमिकता दी जाए. 
वहीं दूसरा नाम देवेंद्र फडणवीस का है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके देवेंद्र फडणवीस को राजनीति का धुरंदर माना जाता है. उनकी महाराष्ट्र में अच्छी खासी पकड़ है. उन्होंने महाराष्ट्र के बुरे प्रदर्शन के बाद तुरंत अपने पद से इस्तीफे की भी पेशकश कर दी थी. ताकि पार्टी में संदेश जाए कि नेता कोई भी मायने सिर्फ प्रदर्शन रखता है. 

रेस में सुनील बंसल भी
लोकसभा स्पीकर की रेस में सुनील बंसल भी शामिल हैं. सुनील बंसल राजस्थान से हैं और पिछड़े समाज से आते हैं. ऐसे में मोदी जातिगत समीकरण साधने के लिहाज से एक बार फिर बैकवर्ड क्लास से स्पीकर बना सकते हैं. यही नहीं इस बहाने राजस्थान से ही दोबारा मौका देना भी प्रदेश में अपने वोट बैंक को सुधारने का एक और मौका साबित हो सकता है. हालांकि राजनीतिक जानकारों की मानें तो पीएम पद से से लेकर स्पीकर दोनों ही बैकवर्ड से नहीं हो सकते हैं. ऐसे में इस बात का ध्यान भी रखना पड़ेगा.  

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इन नामों पर भी अटकलें
बीजेपी अध्यक्ष के तौर पर ओबीसी कार्ड खेलना हो तो पार्टी ओबीसी मोर्चा के प्रमुख लक्ष्मण को भी मौका दे सकती है. लक्ष्मण तेलंगाना से आते हैं. यहां पर बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा और आंध्र प्रदेश के बाद दक्षिण में बीजेपी इसी राज्य पर ध्यान दे रही है. ऐसे में इन्हें मौका देकर पार्टी दक्षिण के दुर्ग को भेदने की कोशिश कर सकती है. इनके अलावा राजस्थान से ही भैरों सिंह शेखावत के शिष्य माने जाने वाले ओम माथुर को मौका मिल सकता है. आरएसएस से इनके बेहतर संबंध रहे हैं और माथुर ने मोदी के गृह राज्य में प्रभारी की भूमिका भी निभाई  है. 

Source : News Nation Bureau

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