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दिल्ली यूनिवर्सिटी में नए सिलेबस के ड्राफ्ट में 20 से 30 फीसदी तक बदलाव किया गया है. इतिहास (ऑनर्स) के पहले पेपर 'Idea of Bharat' पढ़ाया जाएगा. ड्राफ्ट सिलेबस के तीसरे पेपर में सरस्वती-सिंधु सभ्यता को पढ़ाया जाएगा. वेदों में सरस्वती नदी का विस्तार से उल्लेख मिलता है. 'भारत की सांस्कृतिक विरासत' नाम से 12वां पेपर है. रामायण और महाभारत जैसे सांस्कृतिक विरासत का विषय शामिल हुआ. इस्लामिक शासकों के आगे आक्रमणकारी शब्द जोड़ने पर विवाद है. नए पाठ्यक्रम में आक्रमण शब्द का इस्तेमाल मुस्लिम शासकों जैसे बाबर के संबंध में किया गया है. भारत की सांस्कृतिक विरासत पढ़ किसकी बौखलाहट बढ़ी? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश.
- ये गिरगिट से भी ज्यादा तेज रंग बदलने वाली प्रजाति है : प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, BJP
- छात्रों को उन्नत व्यवस्था पढ़ाई जाएगी : प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, BJP
- वैदिक इतिहास में सिंधु-सरस्वती सभ्यता का जिक्र : प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, BJP
- क्या आपने डॉ. अंडेबकर साहब को पढ़ा है : प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, BJP
- मुगल काल से पहले जाति व्यवस्था नहीं थी : प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, BJP
- सांस्कृतिक विरासत को पढ़ाना भी जरूरी : प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, BJP
- महात्मा गांधी वर्ण व्यवस्था का समर्थन करते थे : प्रेम शुक्ला, प्रवक्ता, BJP
- हमारा भारत का इतिहास बहुत ही स्वर्णीय है : फिरोज अहमद बख्त, चांसलर, MANUU
- जितना हम अपने सांस्कृतिक इतिहास को पढ़ाएंगे, उतना ही बच्चे आगे बढ़ेंगे : फिरोज अहमद बख्त, चांसलर, MANUU
- भारत के इतिहास को रिसाइट करना चाहिए, इसमें सिर्फ कांग्रेस की प्रशंसा है : फिरोज अहमद बख्त, चांसलर, MANUU
- कांग्रेसियों और वामपंथियों ने हमेशा वीर सांवरकर को दबाया है : फिरोज अहमद बख्त, चांसलर, MANUU
- आप जैसे लोगों ने इतिहास का तहस नहस कर दिया है : फिरोज अहमद बख्त, चांसलर, MANUU
- वीर सावरकर की कुर्बानी को कांग्रेस और लेफ्ट ने दबाया है : फिरोज अहमद बख्त, चांसलर, MANUU
- जिन लोगों को इससे पहले का इतिहास पढ़ा नहीं, उन्हें क्या मालूम होगा : अवनीजेश अवस्थी, राजनीतिक विश्लेषक
- भारत का भी इतिहास पढ़ाया जाना चाहिए : अवनीजेश अवस्थी, राजनीतिक विश्लेषक
- इतिहास का स्त्रोत साहित्य, जनसूत्रियां होती हैं : अवनीजेश अवस्थी, राजनीतिक विश्लेषक
- भारत का एक आइडिया हो नहीं सकता है, क्योंकि ये विशाल मुल्क है : तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक
- आखिर आप कौन सा रामायण पढ़ाओगे : तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक
- मुझे सिलेबस में रामायण-महाभारत शामिल करने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अंबेडकर जी के पाठ्यक्रम को क्यों कम किया जा रहा है : तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक
- इसे इतिहास में पढ़ाना ठीक नहीं है : तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक
- भारत को सुपर पावर बनाना है तो भूत की जगह भविष्य पर ध्यान दीजिए : विवेक श्रीवास्तव, लेफ्ट नेता
- द्रौपदी का चीहरण इसी महाभारत में लिखा गया है : विवेक श्रीवास्तव, लेफ्ट नेता
- पुष्पक विमान के सहारे आप आगे नहीं बढ़ पाएंगे : विवेक श्रीवास्तव, लेफ्ट नेता
- इतिहास का भगवाकरण हो रहा है : विवेक श्रीवास्तव, लेफ्ट नेता
- आर्यन मध्य एशिया से आए थे : मो. आमिर मिनतोई, संस्थापक सदस्य, AMUCC
- वेद ग्रंथ और साहित्य संस्कृति के आधार पर इतिहास तैयार किया गया है : दीपक कुमार सिंह, गाजियाबाद, दर्शक
- बाबर-तैमूर के बारे में हम यहीं पढ़ते हैं कि ये यहां-वहां आक्रमण करते थे तो इन्हें आप आक्रांता नहीं कहेंगे तो क्या कहेंगे: दीपक कुमार सिंह, गाजियाबाद, दर्शक
- अगर हम शिक्षा की बात करते हैं तो हमें बरगलाया जा रहा है : सर्वेश्वरी प्रसाद, प्रयागराज, दर्शक
- इतिहास को मिटाने की साजिश नहीं की गई : सर्वेश्वरी प्रसाद, प्रयागराज, दर्शक
- 70 साल से शायद ही कोई चीज दबाई गई होगी : सर्वेश्वरी प्रसाद, प्रयागराज, दर्शक
- अगर शिक्षा में कोई पन्ना धूमिल हो गए थे तो उसे धूमिल मत होने दीजिए : सर्वेश्वरी प्रसाद, प्रयागराज, दर्शक
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