Anju Nasrullah: भारत से पाकिस्तान जाकर अपने फेसबुक फ्रेंड नसरुल्लाह से निकाह रचाने वाली अंजू उर्फ फातिमा का कहना है कि वह अपने बच्चों के लिए भारत आई हैं. सीमा हैदर की तरह अंजू अपने प्यार की खातिर देश छोड़कर गई हैं. उनका कहना है कि न ही वह भारत में रहना चाहती हैं और ही पाकिस्तान में. वे नसरुल्लाह के साथ दुबई में रहना चाहती हैं. अंजू ने मीडिया से बातचीत में अपनी आगे की योजना के बारे में बताया. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तान उनका पहला प्यार है. साक्षात्कार में उन्होंने ये माना कि उनका नसरुल्लाह के साथ निकाह हुआ है. आइए जानते हैं कि सवाल-जवाब में अंजू ने क्या-क्या कहा.
ये भी पढ़ें: MV Chem Pluto पर ड्रोन हमले को लेकर बोले राजनाथ, हमलावरों को समुद्र तल से भी खोज निकालेंगे
अंजू के नाम से उन्हें पुकार सकते हैं
उनसे सवाल पूछा गया कि आपको अंजू या फातिमा किस नाम से पुकारा जाए. इस पर उन्होंने कहा कि उन्हें अंजू भी कहा जाता है और फातिमा भी कहते हैं. उनकी पहचान अंजू के नाम से है. उनके दोनों नाम हैं आपको जो अच्छा लगे वे बोल सकते हैं. जब उनसे पूछा गया कि किस नाम से पुकारा जाए तो उनकी ओर से जवाब आया कि आप अंजू के नाम से उन्हें पुकार सकते हैं. उनसे पूछा गया कि आपको भारत में रहना है या पाकिस्तान. इस पर अंजू ने कहा कि भारत उनकी अपनी जमीन है. भारत उनकी मां की तरह है. वहीं पाकिस्तान प्यार है. प्यार भी उतना अच्छा लगता है जितनी मां पसंद आती है. अंजू से पूछा गया कि वे वापस क्यों आई हैं. इस पर उन्होंने कहा कि उनका प्लान था कि वे वापस आएंगी.
वे अपने निर्णय खुद लेती थी. पति के साथ रिश्ते सही नहीं थे
उनसे पूछा गया कि क्या आप घर में बताकर गई थीं. इस पर उन्होंने कहा, वे इंडिपेंडेंट हैं. काम कर रही थीं. अपने बच्चों को पाल रही थीं. वे अपने निर्णय खुद लेती थी. पति के साथ रिश्ते सही नहीं थे. ऐसे में उन्हें नहीं लगा कि पति से पूछना चाहिए. मुझे यही ठीक लगा. अंजू से पूछा गया कि आपके जाने के बाद बच्चों का क्या रिक्शन है. उन्होने कहा, जैसा माहौल बना था, उसके कारण बच्चों पर असर पड़ा था. बेटी से वह खुलकर बातचीत करती हैं. मैने सबको पाकिस्तान के लिए इसलिए नहीं बताया क्योंकि पाकिस्तान के नाम पर कोई मुझे जाने न देता.
अंजू से पूछा गया कि जिस तरह सीमा हैदर भारत आईं, उसी तरह पाकिस्तान में अपने बच्चों को लेकर जाएंगी. अंजू ने कहा, मैं उन्हें यहां बुलाऊंगी. बच्चों के लिए जो बेहतर होगा वे करेंगी. बच्चे इसके लिए तैयार हैं. बच्चों को जो ठीक लगेगा वे करेंगे. ऐसे में फैसला भी वहीं करेंगे.
Source : News Nation Bureau