देश में कोरोना की दूसरी लहर अब कमजोर पड़ती दिखाई पड़ रही है. कोरोना की दूसरी लहर ने पहली लहर के मुकाबले ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है. कोरोना की दूसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र और केरल दिखाई पड़ते हैं. कोरोना की पहली लहर में केरल ने जिस तरह से संक्रमण की रफ्तार को रोकने में सफलता हासिल की थी. उसके उलट कोरोना की दूसरी लहर में केरल सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों में शामिल रहा है. इसी तरह कोरोना की पहली लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र दूसरी लहर को भी संभालने में कामयाब नहीं हो सका और लगातार राज्य में कोरोना के केस बढ़ते रहे. कोरोना की पहली लहर को अच्छे से कंट्रोल करने वाले केरल की हालत दूसरी लहर के दौरान तेजी से खराब हुई थी. जानकार इसके पीछे केरल विधानसभा चुनाव को मानते हैं. मार्च से ही केरल विधानसभा चुनाव की तैयारी तेज कर दी गई थी जबकि चुनाव अप्रैल के पहले हफ्ते में हुए थे. चुनाव के दौरान कोरोना नियमों को नजरअंदाज किया गया जिसका परिणाम रहा कि राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ गई.
केरल में 24 घंटे में आए 7499 केस, महाराष्ट्र में 6,270 नए केस मिले
केरल में सोमवार को कोविड-19 के 7499 नए मामले सामने आए, जिससे राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 28,16,893 तक पहुंच गई जबकि 94 और मरीजों की मौत के साथ महामारी से जान गंवाने वालों की संख्या 12,154 हो गई है. केरल में अब तक ठीक हो चुके मरीजों की कुल संख्या 27,04,554 हो गई है. इसी तरह महाराष्ट्र में सोमवार को कोविड-19 के 6,270 नए मामले सामने आए जो पिछले चार महीनों के दौरान एक दिन में सामने आए नए मामलों की सबसे कम संख्या हैं. इसके साथ ही राज्य में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 59,79,051 हो गए हैं. इस दौरान महामारी से 94 और मरीजों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 1,18,313 हो गई है.
महाराष्ट्र और केरल में कोरोना केसों के बढ़ने के अपने-अपने कारण दिखाई पड़ते हैं. महाराष्ट्र में कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह वहां की जनसंख्या और कोरोना नियमों की अनदेखी को बताया जा रहा है. इसके साथ ही मौसमी बीमारी के कारण भी मरीजों की संख्या में इजाफा दर्ज किया गया है. महाराष्ट्र में मई में कोरोना के सबसे ज्यादा केस दिखाई दिए थे. मई के महीने में भारत में आने वाले कुल संक्रमित मरीजों का एक चौथाई हिस्सा सिर्फ महाराष्ट्र से ही था. बता दें कि जिस राज्य में कोरोना टेस्ट ज्यादा हुए वहां कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या भी ज्यादा दिखाई दी है. महाराष्ट्र में अप्रैल और मई के महीने में 70 लाख के करीब कोरोना टेस्ट किए गए थे.
HIGHLIGHTS
- कोरोना की पहली लहर में केरल ने संक्रमण की रफ्तार को रोकने में सफलता हासिल की थी
- जानकार इसके पीछे केरल विधानसभा चुनाव को मानते हैं
- चुनाव के दौरान कोरोना नियमों को नजरअंदाज किया गया
Source : News Nation Bureau