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आजाद को जनेऊधारी कहने पर क्यों चिढ़े वामपंथी? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas

आजाद को जनेऊधारी कहने पर क्यों चिढ़े वामपंथी? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश

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Deepak Pandey
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sabse badi bahas

देश की बहस( Photo Credit : फाइल फोटो)

14 साल की उम्र में अंग्रेजों ने चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार कर लिया था. गिरफ्तारी के बाद जज ने नाम पूछा था तो उन्होंने अपना नाम 'आजाद' बताया था. पिता का नाम पूछने पर 'स्वतंत्रता' बताया था. चंद्रशेखर आजाद ने पता पूछने पर 'जेल' बताया था. जज ने चंद्रशेखर आजाद को 15 कोड़े की सजा सुनाई थी. इसके बाद इसके बाद देशवासी उन्हें 'आजाद' नाम से पुकारने लगे. आजाद को जनेऊधारी कहने पर क्यों चिढ़े वामपंथी? दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश

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मेरे हिसाब से इसमें कोई विवाद की गुंजाइश नहीं हैः कुमकुम सिंह, आगरा सोशल वर्कर

वो एक क्रांतिकारी हैं इसके लिए हम उनकी जीवनी पढ़ाते समय बच्चों को ये बताते हैं कि किस कुल से थे और कैसे क्रांतिकारी बनेः कुमकुम सिंह, आगरा सोशल वर्कर

उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण मौजूदा समय में डरा हुआ हैः डॉ.सतीश प्रकाश, राजनीतिक विश्लेषक

मुझे इस बात का बहुत अफसोस है कि ऐसी चर्चा का हिस्सा बन रहा हूंः मनोज मुंतशिर, लेखक और गीतकार

मैं एक चंद्रशेखर से 100 चंद्रशेखर पैदा करने की कोशिश कर रहा हूं तो इसमें बुरा क्या है? : मनोज मुंतशिर, लेखक और गीतकार

मेरा राजनीति से दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है मैं पैदाइशी ब्राम्हण हूं लेकिन मैंने इंटरकास्ट मैरिज की हैः मनोज मुंतशिर, लेखक और गीतकार

मैंने उर्दू शायरों को अपना आदर्श माना है अगर आप मुझे जातिवादी बताएंगे तो लाखों लोग जो इस समय मुझे सुन रहे हैं उन पर क्या बीतेगीः मनोज मुंतशिर, लेखक और गीतकार

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योगी जी की मुहिम है वो कहीं न कहीं कुछ जातियों के खिलाफ रही हैः डॉ. सतीश प्रकाश, राजनीतिक विश्लेषक

अगर मनोज शुक्ला जी जैसे व्यक्ति आज के उत्तर प्रदेश की परिस्थितियों को लेकर बताना पड़ रहा है कि ये चंद्रशेखर आजाद जैसे लोग ही नहीं बल्कि विकास दुबे जैसे लोग भी दिया हैः डॉ.सतीश प्रकाश, राजनीतिक विश्लेषक

मैं कानपुर की हूं बिहार की बेटी हूं मेरी भी इंटरकास्ट मैरिज हैः शुभ्रस्था राजनीतिक विश्लेषक

जब हमारे यहां शादियां होती हैं तो बिना पंसारी, बिना बढ़ई और बिना ब्राह्मण के नहीं की जाती हैंः शुभ्रस्था राजनीतिक विश्लेषक 

मध्य प्रदेश में क्या राजनीति हुई किस तरह से वहां पर उद्वेलित ब्राह्मण समाज को निजात मिला ये मैं जानती हूंः शुभ्रस्था राजनीतिक विश्लेषक

जो लोग ब्राह्मणों के खिलाफ ऐसी विचारधारा रखते हों उन्हें पैनल से तो क्या हमें देश से ही निकाल देना चाहिएः शुभ्रस्था राजनीतिक विश्लेषक

यहां पर सबसे ज्यादा गौर करने की बात है कि हम किसके बारे में बात कर रहे हैंः गंगा सहाय, प्रो JNU

जिस संस्थान से वो अपना संबंध रखते थे वो किसी जाति को नहीं मानती थीः गंगा सहाय, प्रो JNU

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साढ़े सात लाख क्रांतिकारियों की शहादत के बाद हमारा देश आजाद हुआ हमें ये बात याद रखनी चाहिए : अमित आजाद, चंद्रशेखर आजाद के पोते

पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और सरदार भगत सिंह जैसे लोग भी चंद्रशेखर आजाद जी को पंडित जी कहकर पुकारते थेः अमित आजाद, चंद्रशेखर आजाद के पोते

चंद्रशेखर आजाद संपूर्ण क्रांतिकारियों में सबसे ज्यादा बहादुर थे तभी वो कहते थे कि मैं आजाद हूं और आजाद रहूंगाः अमित आजाद, चंद्रशेखर आजाद के पोते

जब हम किसी ऐसे क्रांतिकारी की जीवनी लिखेंगे तो क्या हम उनका अस्तित्व उससे हटा लेंगे क्या हम उसमें ये बात हटा देंगे कि वो तिवारी थेः अमित आजाद, चंद्रशेखर आजाद के पोते

उचित अनुचित ये तो कल की भावनाएं थीं अगर किसी ने उन्हें तिवारी कह दिया तो क्या ये बहुत बड़ा अपराध नहीं कर दियाः रोहित मिश्रा, रिसर्चर प्रयागराज

मैं मनोज मुंतशिर जी की बातों से सहमत हूं कि उन्होंने कोई इतना बड़ा अपराधी नहीं कर दिया कि इस पर बहस होः रोहित मिश्रा, रिसर्चर प्रयागराज

मनोज जी ने कोई जीवनी नहीं लिखी है अगर वो जीवनी लिखते हुए ये लिखते तो कोई बात नहीं थी लेकिन जब आप श्रद्धांजलि देने के लिए ऐसा लिखते हैं तो गलत हैः गंगा सहाय, प्रो JNU

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आप इतना विरोध कर रहे हैं जनाब कि मुझे जोर देकर ये कहना पड़ेगा कि हां मैं पंडित हूंः मनोज मुंतशिर, लेखक और गीतकार

किसी व्यक्ति को अपने कुल वंश और जाति में पैदा होने का गर्व होता हैः मनोज मुंतशिर, लेखक और गीतकार

अगर किसी को क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद को तिवारी कहने के बाद किसी को दिक्कत क्यों हो रही हैः मनोज मुंतशिर, लेखक और गीतकार

अगर उनके गले में जनेऊ नहीं होता तो भी वो क्रांतिकारी ही होतेः डॉ. सतीश प्रकाश, राजनीतिक विश्लेषक

अगर कोई छोटी जाति का व्यक्ति बड़ी जाति में शादी कर ले तो वहां पर ऊंची जाति वाले छोटी जाति वाले की हत्या कर देते हैंः डॉ.सतीश प्रकाश, राजनीतिक विश्लेषक

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पंडित चंद्रशेखर आजाद जनऊधारी ब्राह्मण थे ये कहने पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिएः पंडित सुरेश मिश्रा, सर्व ब्राह्मण महासभा

मनोज जी ने अगर सोशल मीडिया पर चंद्रशेखर आजाद को जनेऊधारी लिखा तो इसमें गलत क्या हैः पंडित सुरेश मिश्रा, सर्व ब्राह्मण महासभा

वो हमारे देश के लिए माननीय हैंः पंडित सुरेश मिश्रा, सर्व ब्राह्मण महासभा

चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों को जाति धर्म के बंधन में नहीं रखना चाहिएः विवेक श्रीवास्तव, नेता लेफ्ट

भगत सिंह को भगवा पगड़ी पहना लेने से वो हिन्दू नहीं बन जाएंगे वो कम्युनिस्ट थेः विवेक श्रीवास्तव, नेता लेफ्ट

क्रांतिकारियों को जाति और धर्म से जोड़ना गलत है : विवेक श्रीवास्तव, नेता लेफ्ट

आज चंद्रशेखर आजाद की तुलना एक बंदूक के दम पर आजादी लेने वाले के रूप में की गईः शुभ्रस्था, राजनीतिक विश्लेषक

भगत सिंह आखिरी वक्त में गीता पढ़ रहे थे और ये प्रोफेसर गंगा सहाय कहते हैं कि वो लेनिन पढ़ रहे थेः शुभ्रस्था, राजनीतिक विश्लेषक

मैं पहले तो ये बात रखना चाहूंगा कि मेरे एक साथी मनोज जी को शुक्ला क्यों कह रहे हैं जब वो कहते हैं कि मेरा नाम मनोज मुंतशिर हैः मयंक श्रीवास्तव, वाराणसी से दर्शक

चंद्रशेखर आजाद की हर तस्वीर में हम देख सकते हैं कि वो जनेऊधारण किये हुए हैं हाथ में पिस्तौल लिए हुए हैंः मयंक श्रीवास्तव, वाराणसी से दर्शक

चंद्रशेखर आजाद हनुमान जी के बहुत बड़े भक्त थेः मयंक श्रीवास्तव, वाराणसी से दर्शक

देखिए मैंने बहुत दिनों के बाद ऐसी बेबुनियाद बाते विवेक श्रीवास्तव के मुंह से सुनीः मनोज मुंतशिर, लेखक और गीतकार

आपकी पार्टी का कन्हैया कुमार बेगूसराय से टिकट लेकर वहां चुनाव प्रचार में खुद को भूमिहार बता कर वोट मांगा थाः मनोज मुंतजिर, लेखक और गीतकार

Source : News Nation Bureau

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