14 फरवरी को पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आतंकी हमला के बदला लेते हुए भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मुहम्मद के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक किया था. भारत की इस कार्रवाई में करीब 350 आतंकी मारे गए थे. इस सर्जिक स्ट्राइक के बाद जहां एक तरफ भारतीय वायुसेना के शौर्य और बहादुरी की गाथा गाई जा रही थी. वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तान सहित भारत में कई राजनीतिक दल और लोग लगातार इस स्ट्राइक के सबूत मांगते आए है. जिसके बाद वायु सेना ने इस एयर स्ट्राइक की समीक्षा रिपोर्ट सबके सामने पेश की. हालांकि इस समीक्षा में उन्होंने स्ट्राइक से जुड़े कई खुलासे किए लेकिन इस हमले का वीडियो पेश नहीं कर पाए.
दरअसल, भारतीय वायु सेना ने दावा किया था कि भारतीय लड़ाकू विमानों द्वारा गिराए गए बमों ने अपने लक्ष्यों को सटीक रूप से मारा था. वायु सेना की रणनीति थी कि इन हमलों का वीडियो वह हमले के बाद सार्वजनिक कर दुनिया भर को अपनी कार्रवाई का सबूत दें. हालांकि किन्ही कारणों से ये रणनीति सफल नहीं हुई.
वायुसेना की समीक्षा के रिपोर्ट के मुताबिक जब एयर फोर्स ने अपने लक्ष्य पर बम गिराया, तब इजरायल की हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइल क्रिस्टल मेज लॉन्च नहीं की गई थी. इसका काम, हथियार के टारगेट को हिट करने की लाइव वीडियो फीड उपलब्ध कराने का होता है.
भारतीय वायु सेना की रणनीति इजरायली एयर-टू-सरफेस क्रिस्टल मेज मिसाइल से लक्ष्यों को मार कर उसका लाइव वीडियो फीड प्राप्त करने की थी. लेकिन हल्के बादलों के कारण स्पाइस 2000 ग्लाइड बमों के साथ क्रिस्टल मेज को लॉन्च नहीं किया गया और वीडियो फीड नहीं मिल सका.
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हालांकि भारतीय वायु सेना ने हाई रिजॉल्यूशन सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों के जरिए अपनी सफलता का सबूत जरूर पेश किया था. भारतीय वायु सेना के मुताबिक मिराज 2000 लड़ाकू विमानों से बालाकोट इलाके में पांच स्पाइस 200 ग्लाइड बम गिराए गए थे. जिसमें जैश-ए-मोहम्मद के कई आतंकी ठिकाने तबाह हुए थे.
बता दें कि भारतीय वायुसेना ने जम्मू और कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत का बदला लेते हुए इस बड़ी कार्रवाही को अंजाम दिया था. पुलवामा हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सेना को खुली छूट दे दी थी.
Source : News Nation Bureau