प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय रूस के दौरे पर हैं. पीएम मोदी जैसे ही 8 जुलाई को रूस पहुंचे, उनका भव्य स्वागत किया गया. मोदी का रूस दौरा भारत-रूस के रिश्तों के लिए काफी अहम माना जा रहा है. तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने के बाद मोदी ने द्विपक्षीय यात्रा के लिए सबसे पहले रूस को चुना. 2019 के बाद पीएम का यह पहला रूस दौरा है. हालांकि इसी महीने की शुरुआत में कजाकिस्तान में SCO का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, लेकिन पीएम मोदी ने इसमें हिस्सा नहीं लिया. उनकी जगह इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया था. कहा जा रहा है कि एससीओ में चीन के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पीएम मोदी ने इस सम्मेलन में ना जाने का फैसला लिया. पिछली बार शिखर सम्मेलन का आयोजन 2021 में किया गया था. तीन साल बाद 22वें भारत-रूस वार्षिक द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया है.
जानें क्यों अलग है पीएम मोदी की रूस यात्रा?
आपको बता दें कि भारत-चीन का रिश्ता सात दशक पुराना है. भारत के लिए रूस ऊर्जा और हथियारों का बड़ा सप्लाइर है. इसके अलावा भारत और रूस की दोस्ती समंदर, जमीन और आसमान तक है. दोनों ही देश एक-दूसरे के व्यापारिक-आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्र के लिए अहम माने जाते हैं.
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आइए जानते हैं क्यों है भारत-रूस की मुलाकात अलग
1. रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच मुलाकात
आपको बता दें कि फरवरी 2022 से रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ी हुई है. इस जंग के बाद से भारत पर अमेरिका लगातार रूस से दूरी बनाए रखने का दवाब बना रही है. बावजूद इसके मोदी ने तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेते ही अपनी पहली द्विपक्षीय यात्रा के लिए रूस को चुना. अमेरिका के दवाब के बाद भी भारत ने ना सिर्फ रूस के साथ व्यापारिक रिश्तों को आगे बढ़ाया बल्कि युद्ध के बाद रूस भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल निर्यातक देश बन गया था.
2. नाटो मीटिंग के दौरान मुलाकात
पीएम मोदी रूस में 22वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं. इस यात्रा के कई मायने निकाले जा रहे हैं. अमेरिका में नाटो समिट का आयोजन किया जा रहा है, जिसे लेकर भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि पीएम मोदी का रूस दौरे का नाटो समिट से कोई लेनादेना नहीं है. वहीं, अमेरिका यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा चुका है.
3. चीन और भारत सीमा विवाद के बीच मुलाकात
चीन लगातार भारतीय सीमा की तरफ बढ़ रही है, जिसे लेकर भारत ने चीन की हरकत पर कई बार चिंता जताई है. रूस और भारत का रिश्ता 7 दशक पुराना है और दूसरी तरफ यूक्रेन युद्ध में चीन ने रूस का समर्थन किया. जिसकी वजह से चीन और रूस के रिश्ते में भी करीबी आई है. इसे देखते हुए भारत का यह दौरा भी अहम माना जा रहा है. मोदी रूस के साथ अपने रिश्तों को और मजबूती से दिखाकर चीन को संदेश दे सकते हैं.
4. अमेरिका के प्रतिबंध के बावजूद मुलाकात
रूस-यूक्रेन के बीच जंग जारी है और इस युद्ध की वजह से अमेरिका ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं. भारत पर भी अमेरिका लगातार रूस से दूरी बनाए रखने का दवाब बना रहा है, लेकिन मोदी ने सभी दवाबों को दरकिनार करते हुए रूस का दौरा किया. भारत के रिश्ते अमेरिका के साथ भी मजबूत हैं. अब देखना यह है कि मोदी के इस कदम से भारत-अमेरिका की दोस्ती पर कोई असर तो नहीं पड़ेगा?
HIGHLIGHTS
- पीएम मोदी की रूस यात्रा क्यों है खास
- चीन और भारत सीमा विवाद के बीच मुलाकात
- अमेरिका के प्रतिबंध के बावजूद रूस पहुंचे पीएम मोदी
Source : News Nation Bureau