क्या SC-ST एक्ट पर सरकार ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है, देखिए NN टीवी पर 'बड़ा सवाल'

SC-ST एक्ट में केंद्र सरकार के बदलाव करने के बाद सवर्णों ने आज भारत बंद बुलाया था जिसके बाद पूरे देश में और ज्यादातर हिस्सों में आज बंद का असर देखा गया।

author-image
kunal kaushal
एडिट
New Update
क्या SC-ST एक्ट पर सरकार ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है, देखिए NN टीवी पर 'बड़ा सवाल'
Advertisment

SC-ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले में केंद्र सरकार के बदलाव करने के बाद सवर्णों ने आज भारत बंद बुलाया था जिसके बाद देश के ज्यादातर हिस्सों में आज बंद का असर देखा गया। एससी-एसटी एक्ट में बदलाव के साथ ही सवर्णों की नाराजगी ने लोकसभा चुनाव से ठीक कुछ महीने पहले बीजेपी की मुश्किलें बढ़ा दी है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या SC-ST एक्ट पर केंद्र सरकार ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली है और आर्थिक आधार पर आरक्षण को लेकर बीजेपी में मतभेद क्यों है।

जाहिर तौर पर तीन राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और ठीक 8 महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा जिसको लेकर बीजेपी नेतृत्व परेशान दिख रहा है।

जब सुप्रीम कोर्ट ने इस कानून में थोड़े बदलाव किए थे तो इसके खिलाफ पूरे देश में पिछड़ी जातियों ने आंदोलन किया था और विपक्ष ही नहीं सरकारी की सहयोगी पार्टी भी पहले जैसी स्थिति बनाने के लिए सरकार पर दबाव बना रही थी । इसी के बाद संसद के मॉनसून सत्र में सरकार ने इस पर संसद के अंदर संशोधन लाकर कानून की पहले वाली स्थिति पर से लागू कर दी थी।

SC/ST पर केंद्र सरकार ने संसद में विधेयक लाकर पलटा सुप्रीम कोर्ट का फैसला

SC/ST एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटने के लिए केंद्र सरकार इस मॉनसून सत्र में SC/ST संशोधन विधेयक लेकर आई थी जिसे बाद में वोटिंग के जरिए पास कर दिया गया। विधेयक पर वोटिंग के दौरान एक भी वोट उसके खिलाफ नहीं पड़ा था। सरकार ने विधेयक को पेश करते हुए कहा कि समाज के इस वर्ग को न्याय में हो रही देरी के निवारण के उद्देश्य से इसे लाया गया है।

SC/ST संशोधन विधेयक 2018 बिल के साथ ही SC-ST एक्ट अपने पुराने मूल स्वरूप में आ गया। राज्यसभा में इस बिल के पास होने के बाद राष्ट्रपति ने भी इसे अपनी मंजूरी दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर लगाई थी रोक

एससी/एसटी एक्ट पर दायर एक याचिका पर सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे में आरोपी के तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा दिया था। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में अग्रम जमानत को भी मंजूरी दे दी थी।

सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ आरोपी की तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी बल्कि गिरफ्तारी के लिए अपॉइंटिंग अथॉ़रिटी की मंजूदी को भी अनिवार्य कर दिया और आदेश दिया था कि गैर सरकारी किसी भी व्यक्ति की गिरफ्तारी के लिए एसएसपी स्तर की अधिकारी की मंजूरी लेनी होगी।

Source : News Nation Bureau

Supreme Court SC ST Act bada sawal
Advertisment
Advertisment
Advertisment