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Amit Shah On New Criminal Law: क्यों लाया गया नया आपराधिक कानून, गृहमंत्री अमित शाह ने बताई वजह

Amit Shah On New Criminal Law: देश में क्यों पड़ी नए आपराधिक कानून की जरूरत, खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बताया

Updated on: 01 Jul 2024, 02:00 PM

New Delhi:

Amit Shah On New Criminal Law: देश में 1 जुलाई 2024 से लागू हुए तीन नए आपराधिक कानून को लेकर सियासत गर्माई हुई है. इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अतिम शाह ने बताया कि आखिर इन नए क्रिमिनल लॉ की जरूरत क्यों पड़ी. उन्होंने बताया कि इन नए कानून को लागू किए जाने से क्या होगा और जनता के न्याय मिलने में कितने वक्त की बचत होगी. गृहमंत्री अमित  शाह ने इसको लेकर बकायदा एक प्रेसवार्ता की. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमने अपने संविधान की भावना के अनुरूप धाराओं और अध्यायों की प्राथमिकता तय की है. 

न्यू क्रिमिनल लॉ पर क्या बोले अमित शाह
केंद्रीय गृहमंत्री अमित  शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि, तीनों आपराधिक मामलों को काफी सोच समझकर लाया गया है. इसका मकसद अपने संविधान की भावना के अनुरूप धाराओं और अध्यायों की प्राथमिकता तय करना है. उन्होंने कहा कि मध्य रात्रि से तीनों आपराधिक कानून लागू किए जा चुके हैं और ये न्याय व्यवस्था का भारतीयकरण है. 

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अमित शाह ने कहा कि, हमारी पहली प्राथमिकता महिलाओं और बच्चों के खिलाफ हो रहे क्राइम को ध्यान में रखकर तय की गई है. उन्होंने कहा कि ये काम बहुत पहले किया जाना चाहिए था, लेकिन पूर्व सरकारों ने जनता को न्याय दिलाने में ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई. 

नाबालिग से रेप पर मृत्युदंड की सजा 
शाह ने कहा कि न्यू क्रिमिनल लॉ में  35 धाराओं और 13 प्रावधानों वाला एक पूरा अध्याय जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि, देश में बलात्कार पर कड़ी सजा दी जाएगी.  अब सामूहिक बलात्कार पर 20 साल की कैद या आजीवन कारावास होगा, यही नहीं नाबालिग से बलात्कार पर मृत्युदंड होगा. इसके साथ ही पहचान छिपाकर या झूठे वादे करके यौन शोषण के लिए एक अलग अपराध परिभाषित की गई है.

इसके तहत पीड़िता का बयान उसके घर पर महिला अधिकारियों और उसके अपने परिवार की मौजूदगी में दर्ज करने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा, ऑनलाइन एफआईआर की सुविधा भी दी गई है. 

अमित शाह ने कहा कि इस तरह से बड़ी संख्या में महिलाओं को शर्मिंदगी से बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा, नए दृष्टिकोण के साथ इन तीनों  कानूनों आधी रात से लागू कर दिया गया है. अब भारतीय दंड संहिता (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता (BNS) होगी, जबकि दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) होगी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) होगा.

मॉब लिंचिंग को नए कानून में समझाया गया
शाह ने कहा कि अब तक देश में बने आपराधिक कानून में मॉब लिंचिंग को लेकर कोई कानून नहीं था. न ही इसको लेकर कोई प्रावधान किया गया था, ऐसे में नए क्रिमिनल लॉट के तहत मॉब लिचिंग को समझाया गया. इसके अलावा राजद्रोह भी ऐसा कानून था जो अंग्रेजों ने अपनी सुरक्षा को देखते हुए बनाया था. अंग्रेजों ने राजद्रोह के तहत केसरी रंग पर भी बैन लगा दिया था.  नए कानून के तहत हमने राजद्रोह को खत्म किया है.  

राजनीति करने वालों को भी दिया जवाब
अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नए आपराधिक कानून पर राजनीति करने वालों को भी सीधा जवाब दिया. अमित शाह ने कहा कि जो लोग मीडिया में आने के लिए नए आपराधिक कानून को लेकर अलग-अलग बयान दे रहे हैं उनके लिए बता दूं कि, लोकसभा में कुल 9 घंटे 29 मिनट इस पर चर्चा हुई और 34 सदस्यों ने इसमें हिस्सा लिया. इसी तरह राज्यसभा में 6 घंटे से ज्यादा इस पर चर्चा हुई और 40 सदस्य इसमें शामिल हुए.

शाह ने कहा कि यह भी झूठा कहा जा रहा है कि सदस्यों को जानबूझकर निलंबित कर या सदन से बाहर भेजने के बाद यह विधेयक लाया गया. ये विधेयक पहले से ही व्यापार सलाहकार समिति के सामने सूचीबद्ध था. विपक्ष ने खुद सदन का बहिष्कार किया था और इस चर्चा में शामिल नहीं हुए थे.