Advertisment

CBI Vs CBI : पीएम नरेंद्र मोदी को क्‍यों मिला सुप्रीम कोर्ट के जज का साथ, मार्कंडेय काटजू ने बताई यह वजह

आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाए जाने को लेकर मचे बवाल के बीच मार्कंडेय काटजू ने कुछ ऐसी बातें साझा की हैं, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को काफी राहत मिली होगी.

author-image
Sunil Mishra
एडिट
New Update
CBI Vs CBI : पीएम नरेंद्र मोदी को क्‍यों मिला सुप्रीम कोर्ट के जज का साथ, मार्कंडेय काटजू ने बताई यह वजह
Advertisment

आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाए जाने को लेकर मचे बवाल के बीच मार्कंडेय काटजू ने कुछ ऐसी बातें साझा की हैं, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को काफी राहत मिली होगी. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मार्कंडेय काटजू ने यह बताने की कोशिश की है कि आखिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई हाई पावर तीन सदस्यीय चयन समिति की बैठक में सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा को हटाने और उन्हें अपनी सफाई देने का मौका क्‍यों नहीं दिया गया था. उन्‍होंने फेसबुक पर पोस्‍ट साझा करते हुए कहा, जब कमेटी ने आलोक वर्मा को हटाया, तो मेरे पास बहुत से लोगों के फोन आए. लोग जानना चाह रहे थे कि आलोक वर्मा को अपनी सफाई रखने का मौका नहीं मिला. इस बारे में मैंने जस्‍टिस एके सीकरी से फोन पर बात की. फेसबुक पोस्‍ट में मार्कंडेय काटजू लिखते हैं कि जस्‍टिस एके सीकरी की अनुमति मिलने के बाद ही इन बातों को साझा कर रहा हूं. 

काटजू ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिखकर उन छह कारणों के बारे में बताया है, जिसकी वजह से वर्मा को उनके पद से हटाया गया और उन्हें बोलने का मौका भी नहीं दिया गया. जस्टिस सीकरी को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने प्रतिनिधि के रूप में भेजा था. यह फैसला 2:1 से बहुमत से लिया गया, जिसमें कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता की हैसियत से वहां पहुंचे मल्‍लिकार्जुन खड़गे ने वर्मा को हटाए जाने का विरोध किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जस्‍टिस एके सीकरी ने हटाने के पक्ष में वोट किया.

यह भी पढ़ें : आलोक वर्मा के इस्तीफे के बाद सीबीआई प्रमुख की दौड़ में जायसवाल, ओपी सिंह, मोदी शामिल

जस्‍टिस एके सीकरी से बातचीत के आधार पर काटजू ने बताया, सीवीसी को आलोक वर्मा के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच में प्रथम दृष्टया कुछ एविडेंस और कंक्लूजंस मिले थे

  • प्रथम दृष्टया निष्कर्षों को दर्ज करने से पहले सीवीसी ने आलोक वर्मा को सुनवाई का मौका दिया था. इसके बाद जस्टिस सीकरी का मत था कि जब तक आलोक वर्मा पर लगे आरोपों की जांच पूरी नहीं होती, तब तक उन्हें सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया जाए. उनकी रैंक के समान की ही किसी दूसरी रैंक पर ट्रांसफर कर दिया जाए.
  • कुछ लोगों को लग रहा है कि आलोक वर्मा को बर्खास्त किया गया है. लेकिन ऐसा नहीं है, उन्हें न ही बर्खास्त किया गया है न ही निलंबित किया गया है. उसी रैंक और सैलरी पर उनका ट्रांसफर हुआ है.

यह भी पढ़ें : आलोक वर्मा ने नौकरी से दिया इस्‍तीफा, डीजी फायर सर्विसेज का पदभार ग्रहण करने से किया इन्‍कार

  • जहां तक सुनवाई न करने की बात है तो बिना किसी सुनवाई के पद से नहीं हटाया जा सकता लेकिन निलंबित किया जा सकता है. ये एक स्थापित सिद्धांत है कि किसी आरोपी को सुनवाई का मौका दिए बिना निलंबित किया जा सकता है. और उसके निलंबित रहने के दौरान भी जांच जारी रहना आम बात है.
  • आलोक वर्मा को तो निलंबित भी नहीं किया गया है उनका सिर्फ ट्रांसफर किया गया है. वो जिस पद पर थे, उसी की बराबरी वाली पोस्ट पर उन्हें ट्रांसफर किया गया है.

Source : News Nation Bureau

PM Narendra Modi Alok Verma Markandey Katju CBI vs CBI Justice AK Sikri Alok Verma Removal Alok Verma Resigns Alok Verma Sacked
Advertisment
Advertisment
Advertisment