चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को लेकर आज खुलकर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया. बिहार के वैशाली में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कांग्रेस पर ट्रैक रिकॉर्ड खराब करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “2011 से 2021 यानी 10 सालों तक, मैं 11 चुनावों से जुड़ा रहा और केवल एक चुनाव हार गया जो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के साथ था. तब से, मैंने निर्णय लिया है कि मैं उनके (कांग्रेस) के साथ काम नहीं करूंगा क्योंकि उन्होंने मेरा ट्रैक रिकॉर्ड खराब कर दिया है.”
उन्होंने आगे कहा, कांग्रेस के लिए उनके अंदर बहुत सम्मान है, लेकिन उसकी इस समय व्यवस्था ऐसी है कि खुद तो डूबगी ही, हमको भी डुबा देगी. भारतीय जनता पार्टी से लेकर कांग्रेस और कई क्षेत्रीय दलों तक, विभिन्न विचारधाराओं के राजनीतिक दलों के साथ काम कर चुके चुनाव रणनीतिकार ने 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को जीत दिलाई. इसके बाद उन्होंने पेशेवर चुनाव सलाहकार के तौर पर काम बंद करने का ऐलान किया था.
सक्रिय राजनीति में उतरने के संकेत दिए
गौरतलब है कि चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बीते दो मई को अपने गृह राज्य में सक्रिय राजनीति में उतरने का संकेत दिया. बिहार की सियासत में सरगर्मी बढ़ गई है. उन्होंने ट्वीट में कहा कि मुद्दों को बेहतर तरह से समझने और ‘जन सुराज’ के पथ पर बढ़ने को लेकर लोकतंत्र के असली मालिकों (जनता) के पास जाने का वक्त आ गया है. किशोर, जनता दल (यूनाइटेड) में कुछ अवधि तक रहे थे. हाल में उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
2018 में जद(यू) से जुड़े
किशोर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद(यू) में 2018 में शामिल हुए थे, लेकिन संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए) जैसे कई मुद्दों पर कुमार के साथ मतभेद होने के कारण उन्हें 2020 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था. किशोर ने उस समय भाजपा विरोधी कड़ा रुख अपनाया था. जद(यू) में किशोर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर थे.वह हाल में कांग्रेस में शामिल होने के काफी करीब तक पहुंच गये थे, लेकिन उनके बीच अंतिम समझौता नहीं हो सका.
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस में शामिल होने की संभावना थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका
- किशोर बिहार के जद(यू) में 2018 में शामिल हुए थे
- उन्हें 2020 में पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था