साधुओं का नहीं होता आम लोगों की तरह दाह संस्कार, इस खबर में जानें वजह

मंहत नरेंद्र गिरि को दी गई भू-समाधी , आम लोगो की तरह नही किया गया दह संस्कार, वही सीएम योगी और पीएम मोदी ने भी शोक व्यक्त किया ,सीएम योगी ने कहा दोशियो को बकशा नही जाएगा.

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Nandini Shukla
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Mahant Narendra Giri Yogi

साधुओं का नहीं होता आम लोगों की तरह दाह संस्कार( Photo Credit : file photo)

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मंहत नरेंद्र गिरि नहीं रहे . सोमवार को संदिग्ध परिस्थियों में उनकी मौत हो गई . दरअसल उनके कमरे मे उनका शव  फंदे से लटका मिला था और साथ ही एक सुसाइड नोट भी मिला था . बता दें कि  मंहत नरेंद्र गिरी राम मंदिर आन्दोलन से जुड़े हुए थे , उन्होंने इस आन्दोलन में बड़ी भूमिका निभाई . वहीं उन्होंने संगम में लेटे हनुमान मंदिर के भगत भी थे. बता दें कि आखिल अखाड़ा परिषद ने सिर्फ 13 अखाड़ो को ही मान्यता दी गई थी . इसी के साथ मंहत नरेंद्र गिरि एक संस्थान के सदस्य थे जिस संस्थान का नाम अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद था . प्रयागराज के मठ में उनका शव कमरे में फंदे में लटक मिला और साथ ही फोन पर एक वीडियो भी मिला , सुसाइड नोट में एक बहुत ही चौकाने वाली बात सामने आई कि उसमें उनके शिष्य आंनद गिरि का जिक्र है . बताया जाता है कि इन दोनों के बीच कुछ ज़मीन की बिक्री को लेकर विवाद चल रहा था और वह इससे परेशान थे . इन सब विवादों के बाद पुलिस ने आंनद गिरि को हिरासत में ले लिया है. इसी के साथ बता दें कि आखिल भारतीय आखाड़ा परिषद में उन्हें भू-समाधि दी गई , या कहें दफन किया  गया . वैसे तो हिन्दू धर्म में अंतिम संस्कार में लोगों को जला दिया जाता है । तो ऐसे में नरेंद्र गिरि को दफन क्यों किया गया , आईये जानते हैं .

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दरअसल साधुओं को एक पवित्र आत्मा माना जाता है . हिन्दू धर्म के लोगों का मानना हैं कि  आत्मा अमर होती है और . यह भी माना जाता है की पुनर्जन्म भी होता है जब आत्मा किसी व्यत्कि के जीवन शैली के दौरान सभी आशक्तियों से मुक्त हो जाती है . एक संन्यासी सभी मोह- माया को त्याग कर संत बनता है , ऐसे किसी व्यक्ति की जब मृत्यु होती है तो वह संन्यासी भौतिक धर्म को छोड़ कर और मृत्यु के बाद कपाल मोक्ष को प्राप्त हो जाता है . और इसी के साथ साधु- संत का शरीर एक दिव्य रास्ते के जरिए प्राण त्याग देता है . जैसे की मृत्यु के बाद शरीर मर जाता है लेकिन शरीर मोह माया में रहता है, हिन्दु धर्म के मुताबिक शरीर का अंतिम संस्कार करने से ही सांसारिक माया से मोक्ष प्राप्त होता है .
बहुत सालों से चली आ रही मान्यता है कि तमाम आशक्तियों से भौतिक शरीर मुक्त हो जाता है .

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 मंहत नरेंद्र गिरि के समाधि में देश के कोने कोने से संत साधु पहुँचे थे . इसी के साथ संत साधु के जरिय मंत्रो उच्चारण भी किया गया . और त्रिवेणी घाट में स्नान कराने के बाद जब उनका शरीर लाया गया तो भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. शरीर को सजे हुए रथ पर रख कर अंतिम दर्शन भी कराया गया , बता दे कि नरेंद्र गिरी का शव सुबह ही पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया , पोस्टमार्टम  रिपोर्ट में  फांसी लगाने से ही मौत हुई है । पोस्मार्टम रिपोर्ट में मौत का  दूसरा कारण फांसी पर  लटकने के कारण पर ज़ोर दिया जा रहा है . पुलिस का कहना है कि आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा. इसी के साथ प्रदेश के उप मुख्यामंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने बयान दिया कि अगर नरेंद्र गिरि की हत्या हुई है तो हत्यारा बख्शा नही जाएगा और अगर उनको मजबूर किया गया है तो उस पर भी छान बीन की जाए. इसी के साथ योगी आदित्यानाथ ने कहा कि ' मैं नरेंद्र गीरि जी के निधन से बहुत दुखी हूँ. और मै श्रध्दांजलि देने के लिए खुद उपस्थि हुआ हूँ. वही इनके निधन में राजनेतिक में भी शोक की लेहर है . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपना शोक जताया. इसी के साथ उन्होनें कहा कि प्रभु उन्हें अपने चरणो में स्थान दें.

HIGHLIGHTS

  • मंहत नरेंद्र गिरि नहीं रहे 
  • अंतिम संस्कार करने से ही सांसारिक माया से मोक्ष प्राप्त होता है
  • राजनेतिक में भी शोक की लेहर है

Source : News Nation Bureau

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