साल 1993 में मुंबई बम धमाके में हथियार रखने के दोषी पाए गए फिल्म अभिनेता संजय दत्त की सजा को समय से पहले खत्म कर दिए जाने के राज्य सरकार के फैसले पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने सवाल उठाए हैं।
बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है, 'कैसे संजय दत्त के अच्छे व्यवहार को आधार बना कर उन्हें सजा की अवधि पूरी होने से पहले ही जेल से रिहा कर दिया गया जबकि वो पहले ही सजा के दौरान पैरोल से लेकर अन्य छुट्टियां तक लगातार लेते रहे थे।'
साल 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाके में 257 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में संजय को भी आरोपी बनाया गया था जिसके बाद साल 1996 में उन्हे जेल जाना पड़ा था।
इस मामले में संजय दत्त को अपने घर में हथियार रखने का दोषी पाते हुए साल 2013 में कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई थी। ट्रायल के दौरान ही संजय दत्त करीब डेढ़ साल जेल में रह चुके थे। कोर्ट के फैसले के बाद बाद उन्हें साढ़े तीन साल की सजा जेल में काटनी थी। लेकिन महाराष्ट्र के गृह विभाग ने संजय दत्त के जेल में अच्छे व्यवहार को देखते हुए उनकी डेढ़ साल की सजा को माफ कर दिया जिसके बाद 27 फरवरी 2016 को उन्हें येरवडा जेल से रिहा कर दिया।
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संजय दत्त की इस रिहाई और सजा माफी को लेकर ही बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उनकी सजा माफी पर सवाल उठाया। सजा की अवधि के दौरान भी संजय को बार-बार मिल रहे पैरोल पर भी सवाल उठे थे कि राज्य सरकार उन्हें वीवीआईपी ट्रीटमेंट दे रही है।
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HIGHLIGHTS
- संजय दत्त की सजा माफी पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने उठाए सवाल
- महाराष्ट्र सरकार से पूछा किस आधार पर मिली सजा माफी
Source : News Nation Bureau