देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी का इंडिया फाउंडेशन जागरुकता कार्यक्रम में अपने जन्म स्थली सिंध को लेकर दर्द छलक पड़ा।
आडवाणी ने कहा कि जब मैं सिंध में पैदा हुआ था वो भारत का हिस्सा था लेकिन आजादी के बाद अब वो भारत से अलग हो चुका है। आडवाणी ने आगे कहा, 'सच्चाई यही है कि आज सिंध भारत का हिस्सा नहीं है इस बात का दुख मुझे आज भी होता है।' आडवाणी ने इशारों में पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की वकालत करते हुए कहा कि हमें पड़ोसियों से सहज संबंध बनाने चाहिए।
आडवाणी ने कहा मैं किसी देश का नाम नहीं लूंगा लेकिन पहले भारत एक था जहां मेरा जन्म हुआ जहां मैं पला बढ़ा आज वो भारत का नहीं किसी और देश का हिस्सा है जिसका दुख मुझे और मेरे साथियों को हमेशा होता है।
आडवाणी इसी साल प्रजापति ब्रह्म कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के संस्थापक गुरु पिताश्री ब्रह्मा के 48 वें अधिरोहण समारोह में भी कहा था कि सिंध के बिना भारत अधूरा है।
गौरतलब है कि साल 1947 में आजादी से पहले सिंध भारत का हिस्सा हुआ करता था लेकिन 1947 में ही बंटवारे के बाद ये पाकिस्तान का हिस्सा हो बन गया।
ये भी पढ़ें: केजरीवाल ने चुनाव आयोग को धृतराष्ट्र तो बीजेपी को दुर्योधन बताया
एलके आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को एक सिंध के एक व्यवसायिक घराने में हुआ था। आडवाणी की स्कूली शिक्षा कराची में हई थी जो आज पाकिस्तान के बड़े शहरों में से एक माना जाता है।
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में आडवाणी साल 2002 से 2004 तक उप प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। साल 2015 में आडवाणी को पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित किया जा चुका है। इस कार्यक्रम में चार दिनों के दौरे पर आई बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान वहां पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद थीं।
ये भी पढ़ें: पीएसी ने CWG 2010 के घोटालों की रिपोर्ट में मनमोहन सिंह की आलोचना, CBI को दिए दोबारा जांच के आदेश
Source : News Nation Bureau