राजस्थान (Rajasthan) में सत्तारूढ़ कांग्रेस में अंदरुनी कलह से गहलोत सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. इस बीच गहलोत सरकार के लिए आज का दिन काफी अहम होने वाला है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gahlot) ने आज विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिससे यह स्पष्ट हो जाएगा कि कांग्रेस की सरकार बहुमत में है या नहीं. उधर कांग्रेस आलाकमान सचिन पायलट के बगावती तेवरों से खासा नाराज है. क्या कांग्रेस पार्टी आज सचिन पायलट (Sachin pilot) के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती है? इसके संकेत राजस्थान के लिए कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने साफ तौर पर दिए हैं.
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अविनाश पांडे ने दो टूक कहा है कि जो भी आज की बैठक में नहीं आएंगे, उनके खिलाफ होगी कार्रवाई, क्योंकि इसे पार्टी व्हिप के खिलाफ उल्लंघन माना जाएगा. हालांकि देर रात की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के किसी भी नेता ने पायलट का नाम नहीं लिया. अविनाश पांडे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विधायकों को मुलाकात के लिए बुलाया है 10:30 बजे यह बैठक होगी जिसके लिए सभी विधायकों को व्हिप जारी किया गया है. जो विधायक बैठक में मौजूद नहीं होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी. पांडे ने कहा कि व्हिप का उल्लंघन करने वाले विधायकों की सदस्यता भी खत्म हो सकती है.
अविनाश पांडे ने कहा कि राज्य में पार्टी के सभी विधायक उनके संपर्क में हैं और सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी. पांडे ने इस बात पर हैरानी भी जताई कि वो कौन विधायक हैं, जो कथित तौर पर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के पक्ष में खड़े हैं. उन्होंने दावा किया कि 109 विधायक अपने समर्थन पत्र की चिट्ठी मुख्यमंत्री को दे चुके हैं और कुछ अन्य विधायक भी संपर्क में हैं. पांडे ने कहा कि राजस्थान में सभी विधायक मजबूती के साथ खड़े हुए हैं.
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रात के 2.30 बजे बुलाई गई प्रेस वार्ता अविनाश पांडे ने कहा कि सोनिया गांधी के निर्देशों पर हम जयपुर आए हैं. प्रेसवार्ता को केवल अविनाश पांडे ने ही किया संबोधित. जबकि रणदीप सुरजेवाला, अजय माकन और डॉ. महेश जोशी भी प्रेसवार्ता मौजूद रहे. कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान में इस संकट को टालने के मकसद से अपने वरिष्ठ नेताओं अजय माकन और रणदीप सुरजेवाला को केंद्रीय पर्यवेक्षक के तौर पर जयपुर भेजा है.
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, देर शाम पायलट का 30 से अधिक विधायकों के समर्थन के दावे वाला बयान आने के बाद पार्टी नेतृत्व यह मान रहा है कि पायलट ने अपना मन बना लिया है. सूत्रों ने यह भी बताया कि कांग्रेस का मानना है कि पायलट के साथ आठ से ज्यादा विधायक नहीं जाएंगे और इनमें से भी कुछ को साथ लेने की कोशिश की जा रही है. उधर, एक अधिकारिक बयान में पायलट ने कहा कि वह सोमवार को होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे. पायलट ने कहा कि 30 से अधिक कांग्रेस और कुछ निर्दलीय विधायकों द्वारा उन्हें समर्थन देने के वादे के बाद अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में है.
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दरअसल, राजस्थान में नया सियासी बवंडर शनिवार को उस वक्त उठ खड़ा हुआ, जब मुख्यमंत्री गहलोत की ओर से सरकार को भाजपा द्वारा अस्थिर करने के प्रयास का आरोप लगाया गया. इस पूरे मामले पर पायलट ने रविवार शाम अपनी चुप्पी तोड़ी और अपने बागी रुख का संकेत दे दिया. उधर, जयपुर में पार्टी के कई विधायक और निर्दलीय विधायक गहलोत के नेतृत्व में विश्वास प्रकट करने के लिये उनके निवास पर मुलाकात कर रहे हैं. पायलट के समर्थक माने जाने वाले कुछ विधायकों के शनिवार को दिल्ली में होने के वजह से गुटबाजी की चर्चा को हवा मिली थी. हालांकि तीन ऐसे विधायकों ने जयपुर आकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि दिल्ली वे अपने व्यक्तिगत कारणों से गये थे. दानिश अबरार, चेतन डूडी और रोहित बोहरा ने कहा कि उनके बारे में मीडिया ने आंशका जताई थी, लेकिन वो पार्टी आलाकमान के निर्देशों का पालन पार्टी के एक सच्चे सिपाही की तरह करेंगे.
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