कश्मीरी पंडितों के दर्द पर कोई भी सरकार मरहम नहीं लगा सकी. वादें तो हर सरकार करती है, लेकिन उनके वापसी पर अभी तक कोई काम नहीं हो सका है. दरअसल, एक बार फिर कश्मीरी पंडितों के वापसी को मुद्दा एस लिए सुर्खियों में है कि इस साल भी नवरेह कश्मीर में मनाया गया, लेकिन यह बीते 30 सालों से अलग था. इसकी सबसे खास बात थी कि देश के कई हिस्सों में शरणार्थी बनकर रह रहे कश्मीरी पंडित नवरेह मनाने के लिए कश्मीर घाटी में स्थित अपनी पुरखों की जमीन, अपनी जन्मभूमि पर जमा हुए, जिसके बाद इसे कश्मीर घाटी में पंडितों की वापसी का संदेश माना जा रहा है.
बता दें कि कश्मीर में निजाम-ए-मुस्तफा का नारा देने वाले आतंकियों के कत्लेआम के बाद अपने घरों से खदेड़ दिए गए कश्मीरी पंडित बीते 30 सालों से नवरेह तो मना रहे थे, लेकिन वह यह त्योहार शरणार्थी शिविरों या फिर किराए के कमानों में मना रहे थे. यही नहीं वादी में बचे खुचे कश्मीरी पंडित भी नवरेह की परंपरा को निभाते हुए हर साल हरि पर्वत पर स्थित शारिका भवानी मंदिर में जमा होते. कश्मीर घाटी में 1989 के बाद पहली बार नवरेह का त्योहार मनाया गया. तो सवाल उठता है कि क्या 30 साल बाद पंडित वापस लौटेंगे कश्मीर? इसी मुद्दे पर दीपक चौरसिया के साथ देखिये #DeshKiBahas... यहां पढ़ें मुख्य अंश...
मैं ये कहूंगी की कश्मीरी पंडित समुदाय को जानना सबसे पहले चाहिए : आरती टीकू सिंह, जर्नलिस्ट
भारत की सभी पार्टियों को साथ आना चाहिए, इकट्ठा आकर कहना चाहिए कि कश्मीरी पंडितों को वापस ले जाएंगे : आरती टीकू सिंह, जर्नलिस्ट
ये जानना जरूरी है कि किन शर्तों पर कश्मीरी पंडितों को वापस ले जाएंगे : आरती टीकू सिंह, जर्नलिस्ट
कश्मीरी पंडितों को आना है तो गृह मंत्रालय को कहना चाहिए, आरएसएस कौन होता है : इफ्तिखार मिसगर, राजनीतिक विश्लेषक
कश्मीरी पंडितों को किसने निकाला : आरती टीकू सिंह, जर्नलिस्ट
कश्मीर में जो आतंक बढ़ा है, इसमें स्थानीय मुसलमानों का हाथ है : डॉ. संजय स्वामी, दर्शक, दिल्ली
कश्मीर जब हम लोगों को निकाला गया, तब हमारा कोई कसूर नहीं था : सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक
जो मुसलमान घर लूटेगा, सेना से मुठभेड़ करेगा, क्या जस्टिफाई कर सकते है : सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक
इसमें कोई शक नहीं है कि कश्मीरी पंडितों को वापस लौटना चाहिए : तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक
कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा : तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक
कश्मीरी पंडितों की वापसी अमित शाह को करना है, केंद्र सरकार को करना है : तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक
जम्मू कश्मीर के विकास के लिए सरकार हाथ में लिया है वह कर रहे है : अपराजिता सारंगी,प्रवक्ता, बीजेपी
कश्मीरी पंडितों जो वापस लौटेंगे, उनकी सुरक्षा की जाएगी. सबका मत लिया जाएगा : अपराजिता सारंगी,प्रवक्ता, बीजेपी
कश्मीरी पंडितों की वापसी के लिए जल्द ही दिशा निर्देश जारी होगा : अपराजिता सारंगी,प्रवक्ता, बीजेपी
पीएम मोदी ने संल्पित होकर धर्म को बचाएगा रखा, मैं उनका शुक्रगुजार हूं : अविनाश जीनगर, दर्शक, भिलवाड़ा
आपने कश्मीर की सियासत को दहशतगर्द बना दिया : इफ्तिखार मिसगर, राजनीतिक विश्लेषक
1953 में श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था एक देश एक निशान : अवनिजेश अवस्थी, राजनीतिक विश्लेषक
30 साल से किसी पार्टी ने कश्मीरी पंडितों की आवाज नहीं उठाई : अवनिजेश अवस्थी, राजनीतिक विश्लेषक
30 सालों में फौज पर पत्थर फेंके गए : अवनिजेश अवस्थी, राजनीतिक विश्लेषक
कश्मीरी पंडितों के कत्ल का सिलसिला फारुख अब्दुल्ला के नाक के नीचे हुआ : सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक
कश्मीरी पंडित मुसलमान के दिल में रहते है : माजिद हैदरी,राजनीतिक विश्लेषक
भाजपा ने कश्मीरी पंडितों के लिए क्या किया : माजिद हैदरी,राजनीतिक विश्लेषक
पिछली सारी सरकारों ने जो काम नहीं किया था मोदी जी की सरकार ने वो काम करेंगे दिखाया : अपराजिता सारंगी,प्रवक्ता, बीजेपी
धारा 370 और 35A का जाना एक हिस्टोरिक काम हुआ : अपराजिता सारंगी,प्रवक्ता, बीजेपी
कश्मीरी पंडित बिना किसी डर के अपने घर वापस आ जाएं : अपराजिता सारंगी,प्रवक्ता, बीजेपी
3 दशक से कश्मीरी पंडित वनवास झेल रहे हैं : अपराजिता सारंगी,प्रवक्ता, बीजेपी
RSS की कश्मीरी पंडितों की वापसी की अच्छी पहल: आरती टीकू सिंह, जर्नलिस्ट
कई कश्मीरी पंडितों का हत्याएं हुईं : सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक
भाजपा ने कश्मीरी पंडितों के लिए क्या किया : माजिद हैदरी,राजनीतिक विश्लेषक
30 सालों में फौज पर पत्थर फेंके गए : अवनिजेश अवस्थी, राजनीतिक विश्लेषक
कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा : तहसीन पूनावाला, राजनीतिक विश्लेषक
कश्मीरी पंडितों को आना है तो गृह मंत्रालय कहे, RSS कौन होता है : इफ्तिखार मिसगर, राजनीतिक विश्लेषक
कश्मीरी पंडितों को मिलजुल कर रहना है, उनकी वापसी होनी चाहिए : माजिद हैदरी,राजनीतिक विश्लेषक
ये आज भी धमकियां दे रहे, यहां बसों, वहां बसों, ये शर्तें गिना रहे है : सुशील पंडित, राजनीतिक विश्लेषक
कश्मीरी पंडित हमारे खून से जुड़े हुए है, हम उन्हें बुलाएंगे : इफ्तिखार मिसगर, राजनीतिक विश्लेषक
ये कश्मीरी पंडितों को बुला कर वहीं करना चाहते है, जो 1990 में किया था : डॉ. प्रशांत कुमार, दर्शक, गाजियाबाद
HIGHLIGHTS
- कश्मीरी पंडितों के दर्द पर कोई भी सरकार मरहम नहीं लगा सकी
- एक बार फिर कश्मीरी पंडितों के वापसी को मुद्दा एस लिए सुर्खियों में है
- क्या 30 साल बाद पंडित वापस लौटेंगे कश्मीर?