लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को कहा कि वह संसद के मानसून सत्र के दौरान निचले सदन में कथित फोन टैपिंग का मुद्दा उठाएंगे।
संसद के बाहर मीडिया से बात करते हुए चौधरी ने कहा, हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे में है। मैं इस मुद्दे को (सदन में) जरूर उठाऊंगा।
वह कथित फोन टैपिंग मुद्दे पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। रविवार को एक समाचार आउटलेट द वायर ने बताया कि 40 से अधिक पत्रकार, तीन प्रमुख विपक्षी हस्तियां, एक संवैधानिक प्राधिकरण, नरेंद्र मोदी सरकार में दो सेवारत मंत्री, सुरक्षा संगठनों के वर्तमान और पूर्व प्रमुख और अधिकारी और कई व्यवसायी इसका शिकार हुए बताए गए हैं। भारत में मंत्रियों, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों, लीगल कम्युनिटी, कारोबारियों, सरकारी अफसरों, वैज्ञानिकों, एक्टिविस्ट समेत करीब 300 लोगों की जासूसी की गई है। द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से करीब 40 पत्रकार हैं। इन पर फोन के जरिए निगरानी रखी जा रही थी।
कुछ अन्य रिपोर्ट्स के अनुसार तीन प्रमुख विपक्षी नेताओं, दो मंत्रियों और एक जज की भी जासूसी की गई है, हालांकि इनके नाम नहीं बताए हैं। इस जासूसी के लिए इजरायल के पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल किया गया था।
पेगासस स्पायवेयर एक ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम है, जिसके जरिए किसी के फोन को हैक करके, उसके कैमरा, माइक, कंटेंट समेत सभी तरह की जानकारी हासिल की जा सकती है। इस सॉफ्टवेयर से फोन पर की गई बातचीत का ब्यौरा भी जाना जा सकता है।
द वायर की रिपोर्ट पब्लिश होने के तुरंत बाद केंद्र सरकार ने इस पर जवाब दिया कि उसकी ओर से देश में किसी का भी फोन गैरकानूनी रूप से हैक नहीं किया है। आईटी मंत्रालय की तरफ से जारी चिट्ठी में कहा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों पर तयशुदा कानूनी प्रक्रिया का पालने करते हुए ही किसी का फोन टेप करने की इजाजत दी जा सकती है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS