केंद्र सरकार और ट्विटर (Twitter) के बीच विवादस्पद ट्वीट्स को लेकर टकराव बढ़ता ही जा रहा है. केंद्र सरकार ने स्पष्ट शब्दों में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act) की धारा 69-ए का हवाला देकर ट्विटर को कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दे दी है. केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi shankar Prasad) ने कहा, 'अगर ट्विटर को भारत में अपना कारोबार चलना है तो उसे भारत के क़ानून को मानना होगा वो खुद के द्वारा बनाए गए कायदे कानून के आधार पर ये निर्णय नहीं ले सकता कि कौन सा ट्वीट सुरक्षा की मर्यादा लांघता है या नहीं.'
केंद्र सरकार माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर एक्शन लेने की तैयारी में नजर आ रही है. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने राज्यसभा में बोलते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म को कड़ी चेतावनी दी है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सोशल मीडिया का प्रयोग अगर हिंसा, फेक न्यूज, वैमनस्य बढ़ाने के लिए किया जाएगा, तो इसके विरुद्ध कार्रवाई होगी. बता दें कि ट्विटर के साथ टकराव के मामले में अमेरिका ने भारत का समर्थन दिया है. अमेरिका ने कहा कि वह दुनिया भर में लोकतांत्रिक मूल्यों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, ऐसे में भारत का फैसले का समर्थन करता है.
केंद्र सरकार अपनी दलीलें दे रही है कि जब ट्विटर को एक 1178 अकाउंट्स की सूची दी गई तो ट्विटर ने भारतीय क़ानून के आधार पर कोई करवाई नहीं की. केंद्र सरकार का आरोप है कि ट्विटर ने भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत किए गए उस प्रावधान का भी पूरी तरह से पालन नहीं किया गया, जिसमें यह कहा गया है कि संबंधित कंपनी को 48 घंटे के भीतर विवादित सामग्री हटानी होगी. इस क़ानून के तहत अगर कोई अधिकारी, केंद्र सरकार के आदेशों को नहीं मानता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. आदेश को न मानने की स्थिति में सजा और जुर्माने, दोनों का प्रावधान है.
केंद्र सरकार इस मामले सभी तरह के सोशल मीडिया प्लेटफार्म को आदेश की अवहेलना को लेकर कड़ी चेतावनी दी है. बता दें कि सरकार इन कंपनियों के नियमन के लिए ड्रॉफ्ट रूल भी तय कर रही है.सोशल मीडिया के लिए तय जा रहे ड्राफ्ट रूल के मुताबिक, एक चीफ कंप्लायंस ऑफिसर की नियुक्ति करनी होगी, जो 24 घंटे कानून प्रवर्तन एजेंसियों के निर्देशों पर जवाब देंगी और अनुपालन के लिए नियमित रिपोर्ट देंगे. सूत्रों की मानें तो फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, नेटफ्लिक्स, अमेजन प्राइम और समाचार से जुड़े वेबसाइटों को इसके जरिये नियमित किया जाएगा. ड्रॉफ्ट रूल के तहत एक शिकायत निवारण तंत्र पोर्टल बनाना होगा और निगरानी का एक तंत्र भी होगा. यह निगरानी तंत्र सरकार द्वारा विकसित किया जाएगा, जो आचार नीति का पालन सुनिश्चित कराएगा.
Source : News Nation Bureau