देश में तीसरी लहर ने एक बार फिर से लोगों को डरा दिया है. दिल्ली, महाराष्ट्र बंगाल समेत विभिन्न राज्यों में कोरोना केसों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हालांकि इस बीच आईआईटी विशेषज्ञ ने तीसरी लहर को लेकर एक राहत देने वाली खबर दी है. विशेषज्ञ ने कहा है कि तीसरी लहर पहले से बड़ी होगी और खत्म भी जल्द होगी. वहीं देश में सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 3,64,848 हो गई है. गुरुवार शाम सामने आए संक्रमण के 1,16,390 नए मामलों में तीन राज्यों में सबसे ज्यादा केस आए हैं. इनमें महाराष्ट्र, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की 61.33 फीसदी हिस्सेदारी है. भारत में सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में 36,265 मिले हैं. वहीं दिल्ली का आंकड़ा चार दिनों के अंदर 15,097 के पार कर गया है. देश में अब तक कोरोना के 3,52,25,693 केस सामने आ चुके हैं.
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आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने जिस रफ्तार से संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, उससे यह संकेत मिलने लगे हैं कि तीसरी लहर बड़ी होगी. यह पहली लहर को पार करने के करीब है. उन्होंने कहा कि संक्रमण की पीक दूसरी लहर से भी बड़ी हो सकती है, लेकिन कितनी बड़ी होगी, अगले कुछ दिनों में इसका आकलन हो जाएगा. साथ ही जिस प्रकार तेजी से संक्रमण बढ़ रहे हैं, उसी तेजी से घटेंगे. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनिंद्र अग्रवाल ने यह भी कहा है कि महामारी की तीसरी लहर अप्रैल तक खत्म हो जाएगी. वैज्ञानिक ने हालांकि चेतावनी दी कि चुनाव के दौरान रैलियां कोरोना संक्रमण के लिए सुपर स्प्रेडर साबित हो सकती हैं, क्योंकि इस तरह की सभाओं में कोविड दिशानिर्देशों का पालन करना आसान नहीं है.
चुनावी रैलियों में खतरा ज्यादा
प्रोफेसर अग्रवाल ने कहा कि गाइडलाइंस का पालन किए बिना बड़ी संख्या में लोग चुनावी रैलियों में पहुंचते हैं तो संक्रमण का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है. ऐसे में सावधानी बरतने की जरूरत है. यदि रैलियां होती हैं, तो संक्रमण समय से पहले गति पकड़ सकता है. अपने गणितीय मॉडल के आधार पर महामारी की भविष्यवाणी करने वाले प्रोफेसर अग्रवाल के मुताबिक जनवरी में भारत में तीसरी लहर आएगी और मार्च में रोजाना 1.8 लाख मामले आ सकते हैं.
10 में से सिर्फ 1 को अस्पताल जाने की जरूरत
यह राहत की बात होगी कि 10 में से केवल 1 को ही अस्पताल जाने की जरूरत होगी. मार्च के मध्य में दो लाख बिस्तरों की आवश्यकता होगी. उन्होंने आगे कहा कि अफ्रीका और भारत में 80 फीसदी आबादी 45 साल से कम उम्र की है. दोनों देशों में प्राकृतिक प्रतिरक्षा 80 प्रतिशत तक है. दोनों देशों में डेल्टा वेरिएंट म्यूटेंट के कारण हुआ है. उन्होंने दावा किया कि दक्षिण अफ्रीका की तरह भारत पर भी इसका बड़ा प्रभाव पड़ने की संभावना कम है.
HIGHLIGHTS
- विशेषज्ञ ने कहा- तीसरी लहर पहले से बड़ी होगी और खत्म भी जल्द
- देश में सक्रिय कोरोना मामलों की संख्या बढ़कर 3,64,848 केस
- दिल्ली, महाराष्ट्र और बंगाल में बढ़ रहे तेजी से केस