दिल्ली से सटे किसी भी शहर में 3 मई से पहले शराब के ठेके खोलने की इजाजत नहीं दी जाएगी. फिलहाल दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद समेत एनसीआर के सभी शहरों में शराब के ठेके बंद हैं. हरियाणा सरकार प्रदेश में आबकारी विभाग का जिम्मा संभाल रहे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा 15 अप्रैल को केंद्र सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक तीन मई तक कहीं भी शराब के ठेके नहीं खोले जा सकते है. प्रदेश सरकार केंद्र के आदेशों का पालन करते हुए शराब के ठेके नहीं खोलेगी.
हरियाणा सरकार के इस निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली से सटे फरीदाबाद, गुरुग्राम और सोनीपत समेत पूरे हरियाणा में शराब के ठेके फिलहाल नहीं खोले जाएंगे. चौटाला ने कहा, अगर केंद्र सरकार इस फैसले में कोई बदलाव करके लागू करती है तो उसके बाद अन्य प्रदेशों को देखते हुए हरियाणा सरकार निर्णय लेगी. हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन के दौरान शराब की अवैध तस्करी करने और उन तक शराब पहुंचाने वाले लोगों को चेतावनी दी है. स्टॉक चेकिंग के दौरान अगर शराब के गोदामों व ठेकों पर शराब का स्टॉक कम मिलता है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी. यहां तक कि जरूरत पड़ने पर उनके लाइसेंस तक बैन किये जा सकते हैं.
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डिप्टी सीएम ने कहा शराब माफियाओं पर कसें नकेल
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा, सरकार प्रदेश में 26 मार्च से शराब के ठेके बंद होने के बाद निरंतर शराब माफियाओं पर नजर रखते हुए नकेल कस रही है. आबकारी विभाग की टीमें जहां लगातार प्रदेशभर में छापेमारियां कर रही है, वहीं पुलिस अवैध कारोबारियों को पकड़ने का काम कर रही है. आबकारी विभाग द्वारा गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत प्रदेशभर में 442 जगहों पर छापेमारी की गई. पुलिस द्वारा अलग-अलग जिलों में 1200 से अधिक एफआईआर दर्ज, 1 लाख 60 हजार से ज्यादा अवैध शराब की बोतलें व 10 हजार लीटर कच्ची शराब बरामद की है.
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मोदी सरकार ने पीने वालों को किया निराश
लॉकडाउन पार्ट 2 में शराब की दुकानें खुल जाएंगी, लेकिन गृह मंत्रालय की गाइडलाइन में इस पर और सख्ती की बात कही गई है. सरकार ने अपनी गाइडलाइन में सामाजिक दूरी को लेकर जिस तरह जोर दिया, उससे लग नहीं रहा है कि शराब पीने वालों की चाह पूरी हो पाएगी. दरअसल, अचानक लॉकडाउन होने से शराब के शौकीन बोतल खरीद नहीं पाए और अब वे दारू की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं. जिनलोगों ने बोतल ले भी ली थी, लॉकडाउन लंबा खिंचने से उनका स्टॉक भी खत्म होता चला गया. कुछ राज्यों में शराब की दुकानें खुल गई हैं, लिहाजा पियक्कड़ों को उम्मीद थी कि सरकार की तरफ से इस बारे में कोई फैसला लिया जाएगा, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी है.