2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फेडरल फ्रंट बनाने कि दिशा में कवायद तेज़ कर दी है।
इसी सिलसिले में आज वह बीेजेपी के 'बागी' नेताओं यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी, शत्रुघ्न सिन्हा से मुलाकात करेंगी।
शत्रुघ्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा अपनी ही सरकार की नीतियों को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं। वहीं अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री रहे अरुण शौरी भी लगातार नरेंद्र मोदीकेे खिलाफ हमलावर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक ममता बनर्जी ने एसपी (समाजवादी पार्टी) प्रमुख अखिलेश यादव और बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) प्रमुख मायावती से मुलाक़ात की भी इच्छा ज़ाहिर की है।
ममता बनर्जी मंगलवार को संसद पहुंचीं, जहां उन्होंने शिवसेना के सांसद संजय राउत व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की।
उन्होंने तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की सांसद के कविता से भी मुलाकात की। कविता तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी हैं।
यह मुलाकात ऐसे समय में हो रही है जब विपक्षी पार्टियां और साथ ही सरकार की पूर्व सहयोगी तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए एकजुट हुई हैं।
बता दें कि ममता बनर्जी ने मंगलवार को संजय राउत, शरद पवार समेत बीजेडी सांसद पिनाकी मिश्रा, डीएमके नेता कनिमोझी, एसपी, आरजेडी, बीजेडी,राष्ट्रवादी कांग्रेस, टीआरएस और झामुमो के नेताओं से मुलाक़ात की थी।
मुलाक़ात के बाद उन्होंने मीडिया से मुलाक़ात करते हुए कहा, 'अब समय आ गया है कि बीजेपी बोरिया बिस्तर समेटे।'
आगे उन्होंने तीसरे मोर्चे को वक़्त की मांग बताते हुए कहा, 'बीजेपी को हराने के लिए राज्य के हिसाब से रणनीति तय करनी होगी, जो पार्टी जहां मजबूत है, वहां हमें उसकी मदद करना होगी।'
जा़हिर है अगले लोकसभा चुनाव से पहले गैर-बीजेपी राजनीतिक दलों के संभावित गठबंधन में ममता बनर्जी की भूमिका को प्रमुखता से देखा जा रहा है।
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Source : News Nation Bureau