जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में पत्थरबाज़ी में पहली बार शामिल युवाओं के खिलाफ दायर किये गए मामलों को वापस लिये जाने के फैसले पर खुशी जताई है।
कश्मीर के आतंरिक मुद्दे पर केंद्र के विशेष प्रतिनिधि दिनेश्वर शर्मा की सलाह पर पहली बार पत्थरबाजी में शामिल युवाओं के खिलाफ 4500 से ज्यादा पत्थरबाजी के केस हटाए जाएंगे।
इस फैसले का स्वागत करते हुए राज्य के मुख्यमंत्री ने कहा, 'पहली बार पत्थरबाजी में शामिल युवाओं के खिलाफ एफआइआर वापस लेने के फैसले से मुझे काफी संतुष्टि मिली है।'
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महबूबा ने कहा कि केंद्र सरकार के इस फैसले से राज्य में लोगों के बीच विश्वास बहाली और सतत बातचीत की प्रक्रिया को बल मिलेगा।
एक अन्य ट्वीट में महबूबा ने कहा, 'मेरी सरकार ने पिछले साल मई में प्रक्रिया शुरू की थी लेकिन राज्य में अशांति के कारण इसे रोक दिया गया था।'
बता दें कि इससे पहले दिनेश्वर शर्मा ने राज्य में शांति बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार को कई सलाह दिए थे जिसमें घाटी में रहने वाले लोगों को, विशेषकर सर्दियों में बिजली की कमी का सामना करना पड़ता है। इसके लिए इस साल कश्मीर को 300 मेगावाट अतिरिक्त बिजली मुहैया कराई जाए।
केंद्र सरकार मुठभेड़ में मारे गए पुलिसकर्मियों का मुआवजा भी बढ़ाएगी। वर्तमान में यह मुआवजा 40 लाख रुपये है। वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा के घाटी में विभिन्न हितधारकों से बातचीत के बाद इन निर्णयों पर विचार किया जा रहा है।
अगस्त 2011 में भी पत्थरबाज़ी में पहली बार शामिल युवाओं के खिलाफ दायर मामलों को उमर अब्दुल्ला सरकार के दौरान भी वापस लिया गया था।
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Source : News Nation Bureau