रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि अब भारतीय सेना के सभी 10 शाखाओं में महिला अधिकारियों को परमानेंट कमीशन दिया जाएगा. इससे पहले महिला अधिकारियों की नियुक्ति शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) में ही की जाती थी. सरकार के इस फैसले के बाद रक्षा क्षेत्र में महिला अधिकारियों को भी उनके पुरुष समकक्षों के बराबर अवसर मिलेगा. इस फैसले की घोषणा पिछले साल 15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में किया था.
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार शार्ट सर्विस कमीशन के जरिए चुनी गई महिला सैन्य अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने के बारे में विचार कर रही है.
क्या है शॉर्ट सर्विस कमीशन
शार्ट सर्विस कमीशन के अनुसार, एक महिला अधिकारी 10-14 वर्ष तक ही काम कर सकती है. महिला अधिकारियों को सेना सेवा कॉर्प्स, युद्ध सामग्री(आर्डनेंस), शिक्षा कॉर्प्स, न्यायाधीश, महाधिवक्ता, अभियंता, सिगनल्स, खुफिया और इलेक्ट्रिकल व मैकेनिकल इंजीनियरिंग शाखाओं में शामिल होने की अनुमति मिलती है.
लेकिन अभी महिलाओं को लड़ाकू भूमिका जैसे पैदलसेना, मशीनीकृत पैदल सेना, विमान और तोपखाने में शामिल होने का विकल्प नहीं है.
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इससे पहले भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना ने महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन में शामिल होने की अनुमति दी, यहां तक कि दोनों ने महिलाओं के लिए समान लड़ाकू भूमिका के दरवाजे भी खोले.
सेना में लगभग 1,561 महिला अधिकारी हैं. वायुसेना में 1,594 और नौसेना में 644 महिला अधिकारी हैं. महिलाओं को सेना की तीनों इकाइयों में सैनिक(ट्रूप) के तौर पर नहीं, बल्कि केवल अधिकारी के तौर पर शामिल किया जाता है.
(IANS इनपुट्स के साथ)
Source : News Nation Bureau