Women Reservation Bill: संसद का विशेष सत्र सोमवार से शुरू हुआ. विशेष सत्र के पहले दिन की बैठक पुरानी इमारत में हुई. अगले दिन यानी कल से नए सदन में संसद की कार्यवाही आरंभ होगी. इस बीच सोमवार शाम को पीएम मोदी कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी गई है. सूत्रों के अनुसार, यह बिल संसद में पेश होगा. अगर ऐसा होता है तो यह दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि इस बिल पर कई दशकों बाद भी सहमति नहीं बन पाई. दरअसल, ऐसा पहले से ही कयास लगाया जा रहा था.
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मोदी कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है. मंगलवार को इसे सदन पेश किया जाने वाला है. ऐसा बताया जा रहा है कि सरकार 33% महिला आरक्षण बिल लाएगी. अब अगर यह बिल पास होता है तो लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटे आरक्षित होने वाली हैं. अगर ऐसा होता है तो आगामी चुनाव में कई राज्यों का गणित बिगड़ने वाला है.
कई चौंकाने वाले कदम
आपको बता दें कि वर्तमान लोकसभा में 78 महिला सदस्य चुनी गई हैं। इनकी कुल संख्या 15 प्रतिशत से कम हैं. बीते वर्ष दिसंबर में सरकार द्वारा संसद में साझा आकंड़ों के अनुसार, राज्यसभा में भी महिलाओं का प्रतिनिधित्व मात्र 14 प्रतिशत ही है. सूत्रों के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है कि संसद के पांच दिवसीय सत्र में कई बड़े और चौंकाने वाले कदम उठाए जा सकते हैं।
तस्वीर साफ होती दिख रही
फिलहाल महिला आरक्षण बिल को लेकर तस्वीर साफ होती दिखाई दे रही है। इस बिल पर भाजपा कांग्रेस पहले ही सहमति जता चुकी है। वहीं बात करें बीजेडी और बीआरएस की तो इनके समेत कई दलों ने इस बिल को लाने की डिमांड की है. वहीं हैदराबाद में हुई CWC की मीटिंग में कांग्रेस ने भी महिला आरक्षण को लेकर प्रस्ताव पारित किया है. ऐसा अनुमान है कि 27 सालों से लंबित पड़े महिला आरक्षण बिल के दिन आ गए हैं.
Source : News Nation Bureau