केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि वन स्टॉप सेंटर (ओएससी) योजना का ध्यान देश भर की महिलाओं के उच्चस्तरीय प्रशिक्षण देने पर होगा। इसका मकसद हिंसा प्रभावित महिलाओं की मदद करना है।
मंत्री ने कहा, 'महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इन केन्द्रों की कार्यशैली और केन्द्रों में कार्यरत कर्मचारियों में क्षमता निर्माण की नियमित रूप से निगरानी कर रहा है। मंत्रालय इन केन्द्रों के साथ विभिन्न श्रेणियों में जुड़े नर्सो और मनोचिकित्सकों और वकीलों अथवा पुलिसकर्मियों के लिए एक उच्चस्तरीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम विकसित करेगा।'
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मेनका गांधी ने हिंसा को रोकने के लिए 'सखी वन स्टॉप केन्द्र' की भूमिका पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का नई दिल्ली में उद्घाटन किया।
इस कार्यशाला का आयोजन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से किया गया है। दो दिवसीय कार्यशाला में देशभर के 33 राज्यों/संघ शासित प्रदेशों के राज्य महिला एवं बाल विकास विभागों के करीब 400 सखी वन स्टॉप केन्द्र कर्मी और नोडल अधिकारी भाग ले रहे हैं।
मंत्री ने कहा कि पहले वन स्टॉप केन्द्र की शुरुआत छत्तीसगढ़ के रायपुर में की गई थी, और कुछ ही समय में यह केन्द्र तनवाग्रस्त महिलाओं के लिए एक जीवनरेखा बन गया। तब से लेकर, देशभर के विभिन्न हिस्सों में बड़ी संख्या में ओएससी केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है।
उन्होंने ओएससी के प्रशासकों से आग्रह किया कि वे केन्द्र से जुड़े विभिन्न मुद्दों और परेशानियों के बारे में नियमित रूप से मंत्रालय को अपनी प्रतिक्रिया भेजें ताकि निर्धारित समयसीमा में उनका समाधान निकाला जा सके।
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सचिव राकेश श्रीवास्तव ने भी वन स्टॉप केन्द्र योजना के महत्व पर प्रकाश डाला और इस योजना को सफल बनाने के लिए प्रतिभागियों से निपुणता के साथ कार्य करने का आह्वान किया, ताकि देशभर की लाखों पीड़ित महिलाओं को राहत पहुंचाई जा सके।
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Source : IANS