दिल्ली की 28 फीसदी महिलाओं को हर सप्ताह परेशान करने वाली कॉल व संदेशों का सामना करना पड़ता है. यह भारत में सबसे ज्यादा है. स्वीडन के कॉलर आईडेंटीफिकेशन ऐप-ट्रूकॉलर ने गुरुवार को यह जानकारी दी. ट्रूकॉलर अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस से पहले महिला उत्पीड़न के खिलाफ -हैशटैगइट्सनॉटओके (#NOTOK) अभियान शुरू किया है.
ट्रूकॉलर ने अपनी रिपोर्ट 'अंडरस्टैंडिंग इम्पैक्ट ऑफ हरैस्मेंट स्पैम कॉल्स एंड एसएमएस फॉर वुमन' में कहा कि तीन महिलाओं में से एक लगातार अनुचित कॉल व संदेश आते रहते हैं.
ट्रूकॉलर की ग्लोबल ब्रांड मैनेजर लिंडसे लामोंट ने एक बयान में कहा, 'संदेशों व कॉल से यौन उत्पीड़न दुनिया भर में मुद्दा है, जिस पर ध्यान नहीं दिया गया है. हमारे अभियान इस मुद्दे पर जागरूकता लाने के लिए है, जिससे इस पर चर्चा हो और इसका समाज पर प्रभाव पड़े कि यह व्यवहार उचित नहीं है.'
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रिपोर्ट में कहा गया कि करीब 78 फीसदी महिलाओं ने परेशान करने वाली कॉलों पर गुस्सा व चिढ़चिढ़ापन जाहिर किया है, जबकि इसमें से 37 फीसदी से ज्यादा ने अपने को परेशान चिंतित व भयभीत पाया है.
करीब 52 फीसदी महिलाओं को हफ्ते में कम से कम एक बार संदेश के साथ अनुचित सामग्री व अज्ञात कॉल का सामना करना पड़ा है.
Source : IANS