दिल्ली के रामलीला मैदान में आज (बुधवार) से वाम दलों के समर्थन वाले किसान संगठनों की ओर से रैली का आयोजन किया गया।कर्ज़माफी, महंगाई, न्यूनतम भत्ता जैसे तमाम मुद्दों को लेकर सेंटर ऑफ़ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU), ऑल इंडिया किसान सभा (AIKS), ऑल इंडिया एग्रीकल्चर वर्कर्स यूनियन (AIAWU) की तरफ से इस रैली का आयोजन किया गया।
मज़दूर- किसान संघर्ष रैली रामलीला मैदान से शुरू होकर संसद की तरफ बढ़ा। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो आने वाले समय में आंदोलन और भी बड़ा होगा।
किसान यूनियन का कहना है कि कि अगली बार देश के हर राज्य से किसान आएंगे और राजधानी का घेराव करेंगे। किसान संगठन ने सरकार को धमकी देते हुए कहा, सराकर किसानों के प्रति अपनी नीति बदले वरना हम सरकार बदल देंगे। किसानों का कहना है कि 28, 29, 30 नवंबर को देश के 201 किसान संगठन हर राज्य से दिल्ली की ओर कूच करेंगे।
Delhi: Mazdoor Kisan Sangharsh starts a rally towards Parliament from Ramlila Maidan. The rally is being organised by Centre of Indian Trade Unions (CITU), All India Kisan Sabha (AIKS) & All India Agriculture Workers Union (AIAWU), demanding debt waivers for farmers among others. pic.twitter.com/mWdHTbX8RU
— ANI (@ANI) September 5, 2018
वहीं किसान रैली में पहुंचे सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लाखों की तादाद में किसान-मजदूर दिल्ली आए हैं, जनता के अंदर आक्रोश है। उन्होंने कहा, 'सरकार ने जनता को धोखा दिया है, अगर जिंदगी को बचाना है तो मोदी सरकार को हटाना है। अब अच्छे दिन तभी आएंगे जब ये सरकार जाएगी।'
हालांकि वाम दलों का कहना है कि आज से रैली की शुरुआत हुई है आने वाले दिनों में और भी ऐसी ही रैलियां होंगी। पांच सितंबर की रैली के आयोजकों ने बताया कि सीपीएम के बैनर तले आयोजित किसान रैलियों के माध्यम से देश में किसान और मजदूरों की बदहाली के मुद्दे लगातार उठाये जाते रहेंगे। इसकी शुरुआत रामलीला मैदान की रैली से होगी।
वाम समर्थित मजदूर संगठन 'सीटू' के महासचिव तपन सेन ने मंगलवार को बताया कि वामदलों और तमाम किसान संगठनों के साझा मंच के रूप में गठित 'मजदूर किसान संघर्ष मोर्चा' रामलीला मैदान से भविष्य के आंदोलनों की रूपरेखा घोषित करेगा। सेन ने कहा कि आजाद भारत में पहली बार सरकार के खिलाफ आयोजित रैली में किसान और मजदूर एकजुट होकर हिस्सा लेंगे।
उन्होंने कहा कि यह अंतिम नहीं बल्कि पहली रैली होगी। इसमें सरकार की किसान मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन के दूसरे चरण की कार्ययोजना से अवगत कराया जायेगा। सेन ने कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार सिर्फ धनी और कार्पोरेट घरानों के हितों को साधने वाली नीतियां बना रही है। इसका सीधा असर गरीब मजदूरों और किसानों पर हो रहा है।
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सेन ने बताया कि रैली में हिस्सा लेने के लिये देश भर से किसान और कामगारों के दिल्ली पहुंचने का सिलसिला पिछले कुछ दिनों से जारी है। इसमें वामदलों और किसान मजदूर संगठनों के नेता हिस्सा लेंगे।
Source : News Nation Bureau