Uttarkashi: उत्तरकाशी में टनल धसने के कारण फंसे मजदूरों को बाहर निकालने की जद्दोजहद जारी है. यहां पर अंदर फंसे 40 मजदूरों को बाहर निकालने की दिशा में बड़ी सफलता हाथ लगी है. टनल के अंदर 900 मीटर चौड़ाई के साथ 6 मीटर लंबाई वाले पांच पाइपों की मदद ली गई है. इसकी सहायता से फंसे हुए लोगों से संपर्क किया गया है. मलबे को हटाने के लिए ड्रिलिंग का उपयोग किया जा रहा था, मगर अब इसे रोक दिया गया है. केंद्र सरकार ने मलबे की जियोफिजिकल स्टडी कराई है. इसके लिए दिल्ली से ऑपरेशन साइट पर वैज्ञानिकों की टीम पहुंची है. इस मलबे में बड़ी मशीनों के दबे रहने की आशंका है. ऐसा कहा जा रहा है कि जियोफिजिकल स्टडी से यह तस्वीर साफ होने की उम्मीद है.
ये भी पढ़ें: Israel Hamas War: 'समय आ गया है जब...' इजरायल-हमास युद्ध में मारे गए आम लोगों पर बोले PM मोदी, कही ये बात
अभी भी 30 से 40 मीटर खुदाई होनी बाकी है
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कठोर पदार्थ हो हटाने के लिए कटर का उपयोग किया गया है. इसके लिए डायमंड-बिट मशीनों की सहायता ली गई है. इसके बाद ड्रिलिंग दोबारा से आरंभ की गई है. इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर की ओर से बताया गया कि शुक्रवार सुबह 6 बजे तक एडवांस ड्रिलिंग मशीन सहायता से टनल के अंदर जमा मलबे को 25 मीटर तक ड्रिल किया गया. यहां पर फंसे मजदूरों तक पहुंचने को लेकर अभी भी 30 से 40 मीटर खुदाई होनी बाकी है. यहां पर ड्रिलिंग मशीन पूरी ताकत के साथ काम रही है. इस तरह से जल्द मजदूरों को बाहर निकाला जाएगा.
इंदौर से एक खास मशीन बनाई गई है, जो एयलिफ्ट कराई गई
इंदौर से एक खास मशीन मंगाई गई है, जो एयलिफ्ट कराई गई है. यह सुबह तक पहुंच जाएगी. ड्रिलिंग का काम हो रहा है. भूस्खलन की वजह से निर्माणाधीन टनल के ढहने के बाद बचाव प्रयासों में तेजी लाने को लेकर 24 टन वजनी उच्च प्रदर्शन वाली बरमा ड्रिलिंग मशीन रखी गई है. अधिकारियों के अनुसार, फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए करीब 45 से 60 मीटर तक ड्रिलिंग जारी रखने आवश्यकता होगी. मशीन 5 मीटर प्रति घंटे की दर से खुदाई करने वाली है. आपको बता दें कि टनल के अंदर 40 मजदूर 12 नवंबर से फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने के प्रयास हो रहे हैं. दरअसल, भूस्खलन के कारण यह हादसा हुआ. भूस्खलन टनल के नजदीक हुआ था. इस कारण टनल नीचे धंस गई.
Source : News Nation Bureau