दुनिया अभी रूस और यूक्रेन वॉर की त्रासदी से बाहर नहीं निकल पाई थी कि इजराइल और फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास के बीच जारी युद्ध ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है. इजराइल-हमास के युद्ध का आज 25वां दिन है. इजराइल की सेना गाजा पट्टी पर बमवर्षा कर रही हैं. गाजा पट्टी स्थित हमास को ठिकानों को चुन-चुन का निशाना बनाया जा रहा है. इस बीच विश्व बैंक ने एक चेतावनी जारी की है. विश्व बैंक का कहना है कि पश्चिम एशिया में लड़े जा रहे इस युद्ध की तपिश भारत समेत पूरी दुनिया तक पहुंचेगी. विश्व बैंक ने आशंका जताई है कि इस युद्ध का असर भारतीय नागरिकों को साथ अर्थव्यवस्था पर भी पड़ेगा.
यह खबर भी पढ़ें- Delhi Air Pollution: दिल्ली में अब सांसों पर संकट! कई इलाकों में AQI 400 के पार
विश्व बैंक का कहना है कि अगर इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध लंबा खिंचता है तो इसका सीधा असर कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ेगा. नतीजतन क्रूड ऑयल का भाव 150 डॉलर प्रति बैरल को भी पार कर जाएगा, जिसकी वजह स ऊर्जा और खाद्द पदार्थों की कीमतें आसमान छूने लगेंगी. रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली चीजों के भाव आम आदमी की पहुंच से बाहर निकल जाएंगे, जिसकी वजह से देश में एक संकट खड़ा हो जाएगा. दरअसल, वैश्विक बाजार में अभी कच्चे तेल का भाव 90 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है. विश्व बैंक ने कहा कि अगर यह युद्ध लंबा चलता है तो 1973 जैसे स्थिति पैदा हो सकती है, जब कच्चे तेल का भाव 140 से 157 डॉलर प्रति बैरल हो गया था. उस समय तेल उत्पादक अरब देशों ने इजराइल व वेस्ट देशों को तेल देना बंद कर दिया था.
यह खबर भी पढ़ें- महीने से पहले ही सैलरी हो जाती है खत्म तो अपनाएं 50-30-20 का फॉर्मूला, रातोंरात लोगों को बना देता है अमीर
विश्व बैंक के अनुसार यह 1970 के बाद मध्य पूर्व क्षेत्र में कमोडिटी मार्केट में सबसे बड़ा झटका साबित हो सकता है. इसका असर किसी एक देश पर नहीं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा. क्योंकि रूस-यूक्रेन वॉर के चलते यूरोप में गैस की कीमतें पहले से ही बढ़ी हुई हैं. इस बीच गाजा के पास पाइपलाइन को नुकसान पहुंचाने की आशंका भी जताई जा रही हैं. हालांकि विश्व बैंक ने अभी वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहतर बताई है. विश्व बैंक ने कहा कि अगर हालात बदतर बने तो खाद्द उत्पादों के भाव बढ़ने से लगभग 70 करोड़ लोगों को भुखमरी झेलनी पड़ेगी.
Source : News Nation Bureau