अगर आप बुक लवर हैं तो ये खबर आपके लिए है. किताबों का महाकुंभ 10 फरवरी से दिल्ली के प्रगति मैदान में लगने जा रहा है. ऐसे में दुनिया भर से प्रकाशकों, लेखकों और पाठकों का जमावड़ा होने वाला है. नौ दिवसीय विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान में शुरू होगा, जो 10 फरवरी 18 फरवरी तक चलेगा. इस मेले का उद्घाटन 10 फरवरी को शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान करेंगे. इस विश्व स्तरीय आयोजन को लेकर नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के निदेशक युवराज मलिक ने कहा, “दुनिया का सबसे बड़ा पुस्तक मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं है, यह एक उत्सव है, जिसमें पाठकों को किताबों के साथ-साथ भारत की विविध संस्कृति और लोक कला की झलक भी देखने को मिलेगी. इस बार 1000 से ज्यादा प्रकाशक इसमें हिस्सा ले रहे हैं.
40 से अधिक देशों के प्रकाशक शामिल
फेस्टिवल ऑफ फेस्टिवल में अहमदाबाद लिटरेचर फेस्टिवल, सिनेमा दरबार, भारत साहित्य महोत्सव, प्रगति विचार के प्रतिनिधियों को दुनिया के सबसे बड़े पुस्तक मेले में आमंत्रित किया गया है. वे साहित्यिक, सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन कर सकते हैं और विश्व पुस्तक मेले के मंच से पुस्तकों का विमोचन भी कर सकते हैं.
विश्व पुस्तक मेले में 40 से अधिक देशों के प्रकाशक और प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं. यह बी2सी स्तर पर सबसे बड़ा पुस्तक मेला है. पाठकों को यहां विश्व की लगभग सभी भाषाओं के प्रतिनिधि मिलेंगे. वहीं, उन्होंने बताया कि इस बार मेला काफी खास होने वाला है.
बच्चों के लिए क्या होगा खास?
पुस्तक मेले में ई-लर्निंग के बढ़ते क्रेज को देखते हुए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी शुरू की जाएगी. वहीं, बच्चों को ई-मैजिक बॉक्स मिलेगा, जो वाकई दिलचस्प होगा. अगर आप बच्चों से जुड़ी किताबें देखना चाहेंगे तो इसके लिए आपको हॉल-3 में जाना होगा. जिसमें आपको पुस्तकें, स्टेशनरी, आर्ट एवं क्राफ्ट्स आदि सामग्रियां मिलेंगी.
वहीं, बालमंडल में बच्चों के लिए वेरियस क्रिएटिव एक्टिविटी की भी व्यवस्था होगी. इन कार्यक्रमों के अलावा, इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट 'इंडिया द मदर ऑफ डेमोक्रेसी' पर स्पेशल प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा. अब तक आपने पुस्तक मेले बैंडों की पंरपरा नहीं देखी थी लेकिन इस बार जम्मू—कश्मीर, लद्दाख और भारत के अलग-अलग हिस्सों से बैंड आ रहे हैं, जो विश्व पुस्तक मेले में साहित्यिक बेला की रौनक बढ़ाएंगे.
इस बार क्या है थीम?
वहीं, इस बार की थीम की बात करें तो बहुभाषी भारत : एक जीवंत परंपरा हैं. थीम पर बात करते हुए नेशनल बुक ट्रस्ट, इंडिया के अध्यक्ष प्रोफेसर मिलिंद सुधाकर मराठे ने बताया कि भारत भाषाओं से समृद्ध देश है. अनुसूची 8 में 22 भाषाएं बताई गई हैं, लेकिन यहां भाषाओं- बोलियों की कोई सीमा नहीं है. एक शब्द आपको अलग-अलग भाषाओं में मिलेगा. भारतीय भाषाओं में पूरे विश्व का ज्ञान मिल जाता है. इसमें साहित्य की अहम भूमिका है. इस बार के विश्व पुस्तक मेले में भाषाओं का साहित्यिक जश्न मनाया जाएगा.
Source : News Nation Bureau