विधानसभा चुनावों से पहले विश्व आर्थिक मंच ने भारत को फील गुड कराया है. मंच ने प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं की 2018 की सूची में भारत को 58वां स्थान दिया है. 2017 की तुलना में इस रैंकिंग में भारत ने पांच अंकों की छलांग लगाई है. सूची के अनुसार, जी-20 देशों की बात करें तो पिछले साल के मुकाबले भारत की स्थिति में अन्य की तुलना में सबसे ज्यादा सुधार हुआ है. मंच की ओर से जारी 140 अर्थव्यवस्थाओं की सूची में पहले स्थान पर अमेरिका तो दूसरे पर सिंगापुर और तीसरे पर जर्मनी है.
रैंकिंग में भारत 62.0 अंकों के साथ 58वें स्थान पर है। मंच के अनुसार, जी-20 अर्थव्यवस्थाओं में सर्वाधिक लाभ भारत को मिला है। चीन को 28वां स्थान प्राप्त हुआ है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘अनुसंधान और विकास जैसे क्षेत्रों में निवेश के मामले में चीन औसत उच्च-आय वाली अर्थव्यवस्थाओं से काफी आगे है, जबकि भारत भी इनसे ज्यादा पीछे नहीं है। वह (भारत) व्यापार के कम सृजन और दिवालियेपन के लिए सिर्फ अपनी कम क्षमता वाली नौकरशाही के कारण पीछे है.’’ ब्रिक्स अर्थव्यवस्थाओं में चीन 72.6 अंकों के साथ सबसे ऊपर 28वें स्थान पर है. उसके बाद रूस 65.6 अंकों के साथ 43वें, 62.0 अंकों के साथ भारत 58वें, दक्षिण अफ्रीका 60.8 अंकों के साथ 67वें और ब्राजील 59.5 अंकों के साथ 72वें स्थान पर हैं.
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हालांकि, भारत अभी भी दक्षिण एशिया में महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्था बना हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार, भारत स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल के अलावा अन्य सभी प्रतियोगी क्षेत्रों में आगे है. इन क्षेत्रों में श्रीलंका भारत के मुकाबले आगे है. द्वीपीय देश में सेहतमंद जीवन प्रत्याशा 67.8 वर्ष है और वहां के कामगारों में शिक्षा भी बेहतर है. उसमें कहा गया है कि यह दोनों (भारत और श्रीलंका) देश ऐसे हैं जो अपने प्रभावी ढांचागत प्रणाली पर भरोसा कर सकते हैं. भारत ने परिवहन संबंधी ढांचागत सुविधाओं और सेवाओं में ज्यादा निवेश किया है जबकि श्रीलंका के पास सबसे आधुनिक ढांचागत सुविधाएं मौजूद हैं.
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विश्व आर्थिक मंच की इस सूची के शीर्ष 10 में शामिल देश क्रमवार इस प्रकार हैं- अमेरिका, सिंगापुर, जर्मनी, स्विटजरलैंड, जापान, नीदरलैंड, हांगकांग, ब्रिटेन, स्वीडन और डेनमार्क। विश्व आर्थिक मंच का वैश्विक प्रतिस्पर्धी सूचकांक 4.0 किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की उत्पादकता और अन्य चीजें तय करने के लिए 12 मानदंडों को ध्यान में रखता है, जिनमें- संस्थाएं, आधारभूत संरचना, तकनीक, मैक्रोइकोनॉमिक स्थिति, स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल, उत्पाद बाजार, श्रम बाजार, वित्तीय प्रणाली, बाजार का आकार, बिजनेस डायनेमिक्स और नवोन्मेष शामिल हैं.
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में भी आया था उछाल
वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में पिछले साल के 130वें नंबर पर रहने के बाद 2018 में भारत विश्व की टॉप 100 देशों के लिस्ट में शामिल हो चुका है, यानी 30 नंबर की शानदार उछाल। 10 में से 8 पैमानों पर भारत ने सुधार किया है और वल्ड बैंक के मुताबिक 3 साल में ये 1 साल भारत के लिए सबसे ज्यादा सुधार वाला रहा है। इतना ही नहीं डिसटऐंस टू फ्रांटियर मामले में यानी शिखर की तरह बढ़ने में या तरक्की करने में भारत 8 फीसदी चढ़ा है।
Source : News Nation Bureau