भारत ने गैर-बासमती चवाल के निर्यात पर रोक लगा दी गई है. भारत सरकार की ओर से घरेलू मांग को लेकर यह कदम उठाया गया है. अपनी घरेलू मांग को पूरा करने और चावल की कीमतों (Rice Rate) को बढ़ने से रोकने के लिए भारत सरकार ने यह कदम उठाया है. भारत के निर्यात को रोक देने से विश्व भर में चावल की कीमतों में तेजी से इजाफे होने की संभावना बनी हुई है. इसके साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल की सप्लाई पर भी असर दिखेगा. ऐसे में विश्व के कई देशों के सामने गंभीर खाद्य संकट की स्थिति पैदा हो सकती है.
भारत चावल का सबसे बड़ा निर्यातक माना गया है. दुनिया के कुल निर्यात में भारत की भागीदारी करीब 40 फीसदी तक बताई गई है. इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत के चावल निर्यात को रोक देने से वैश्विक सप्लाई पर असर होगा. विशेषज्ञों का कहना है कि भारत से चावल निर्यात न होने पर जल्द ही अंतरराष्ट्रीय बाजार में चावल के दाम प्रति मीट्रिक टन 50 डॉलर तक बढ़ सकते हैं. इससे आने वाले समय में दाम 100 डॉलर तक बढ़ने उम्मीद है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत द्वारा चावल के निर्यात पर रोक लगाने से अंतरराष्ट्रीय बाजार पर असर पड़ने की उम्मीद है. अभी एशियन मार्केट में शुक्रवार को भाव स्थिर बने हुए हैं. मगर कहा जा रहा है कि आने वाले समय में भाव में उतार चढ़ाव की उम्मीद है.
Source : News Nation Bureau