दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) ने एक पहलवान को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार पहलवान का नाम अजीत (25) है. दिल्ली पुलिस के मुताबिक, "अजीत ही वह शख्स है, जिसने नाबालिग को 10 हजार रुपये में देसी पिस्तौल बेची थी. नाबालिग ने इसी पिस्तौल से सीएए विरोधी मार्च में पुलिस की मौजूदगी में गोली चला दी थी. गोली लगने से एक कश्मीरी छात्र जख्मी हो गया था. उस मामले में हत्या की कोशिश और शस्त्र अधिनियम के तहत न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी थाने में आपराधिक मामला दर्ज किया गया था."
अजीत की गिरफ्तारी की पुष्टि सोमवार को आईएएनएस से दिल्ली पुलिस प्रवक्ता ने की. गिरफ्तार अजीत पेशेवर पहलवान है. वो मूलत: शहजपुरा गांव, जिला अलीगढ़ का रहने वाला है. पुलिस कमिश्नर ने उसी दिन गोलीकांड की जांच थाने से हटाकर दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के हवाले कर दी थी. उल्लेखनीय है कि दोपहर के वक्त घटी गोलीकांड की उस घटना ने दिल्ली पुलिस को ही सीधे-सीधे कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया था.
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दिल्ली पुलिस को कटघरे में इसलिए किया गया था, क्योंकि गोलीकांड को अंजाम देने वाला नाबालिग काफी देर से फेसबुक पर लाइव था. इसके बाद भी दिल्ली पुलिस की साइबर शाखा सोती रही. पुलिस के खुफिया तंत्र की इसी लापरवाही का फायदा उठाकर नाबालिग ने हथियार को हवा में लहराने के बाद एक शख्स को गोली मार दी. गोली कश्मीरी छात्र के हाथ में जा घुसी. सब कुछ चूंकि पुलिस की मौजूदगी में हुआ था.
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इसलिए लोगों ने सीधे-सीधे इस घटना में दिल्ली पुलिस की संदिग्ध भूमिका का शक खुलेआम जाहिर कर दिया था. हालांकि, दिल्ली पुलिस के आला-अफसरान पूरे मामले में जिम्मेदारी से बचते ही नजर आए हैं. दिल्ली पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, "अपराध शाखा की टीम गिरफ्तार आरोपी अजीत को मंगलवार को अदालत में पेश करेगी. उसने जो हथियार नाबालिग को महज 10 हजार रुपये में बेचा था, वो घटना वाले दिन मौके पर ही हमलावर से छीन लिया था."