Bajrang Punia: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चुनाव में बृजभूषण सिंह के करीब संजय सिंह के अध्यक्ष चुने के जाने के विरोध में शुक्रवार को रेसलर बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने अपना पद्मश्री लौटा दिया. वे पीएम आवास के सामने फुटपाथ पर अपना मेडल रखकर निकल आए. WFI के अध्यक्ष संजय सिंह के बनने के बाद से विवाद बढ़ता जा रहा है. बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट सहित कई बड़े रेसलर का गुस्सा सामने आया है. ये रेसलर बीते काफी समय से बृज भूषण के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. सभी की मांग थी कि रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष पद पर किसी महिला हो चाहिए था.
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बजरंग ने इससे पहले सोशल मीडिया पोस्ट करने ये सूचना दी थी. पूनिया ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा था. पूनिया ने इस पत्र एक्स पर शेयर भी किया. बजरंग पूनिया ने पोस्ट कैप्शन में लिखा कि वे अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहे हैं. कहने को ये पत्र है, मगर यही उनका स्टेटमेंट भी है.
29 वर्षीय बजरंग पूनिया को वर्ष 2019 में पद्मश्री मिला था. पूनिया ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल हासिल कर चुके हैं. बजरंग ने 2019 में कजाखिस्तान के नूर सुल्तान में आयोजित विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप के सेमीफाइनल में पहुंचे. पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालिफाई भी हुए थे. इस चैम्पियनशिप में बजरंग ने ब्रॉन्ज मेडल पाया था. यह विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में उनका तीसरा पदक था. टोक्यो ओलंपिक 2020 में बजरंग को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. 65 किलो भारवर्ग में ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले बजरंग पूनिया ने कजाखस्तान के पहलवान दौलत नियाजबेकोव को 8-0 से हराया था.
गौरतलब है कि गुरुवार को बृजभूषण सिंह के नजदीकी संजय सिंह को भारतीय कुश्ती महासंघ का अध्यक्ष बनाया गया. संजय सिंह के चुनाव बाद साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था. उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में साक्षी ने रेसलिंग को छोड़ने का ऐलान किया.
Source : News Nation Bureau