पीएम नरेंद्र मोदी संग CDS विपिन रावत, NSA अजित डोवाल और सेना प्रमुखों की मीटिंग का एजेंडा वैसे तो मिलिट्री रिफॉर्म्स और भारत की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने पर था मगर चीन की लद्दाख में हरकत ने मीटिंग का एजेंडा बदल दिया. सूत्र बताते हैं कि अधिकारियों ने पीएम नरेंद्र मोदी को लद्दाख के ताजा हालात से रूबरू कराया और फिर मीटिंग में ये तय हुआ कि बॉर्डर पर जो डेवलपमेंट के काम चल रहे हैं, वो नहीं रुकेंगे. चीन ने भारतीय निर्माण रोकने की शर्त रखी है, जिसे भारत मानने को तैयार नहीं. वहीं भारत ने चीन से साफ कह दिया है कि वो बॉर्डर पर यथास्थिति बनाए रखे.
चीन के सैनिकों की हरकत और किलेबंदी को लेकर भारत चार-पांच विवादित साइट्स की पैनी निगरानी कर रहा है. ये प्वाइंट्स उत्तरी पैंगोंग त्सो झील, देमचोक और गालवान वैली के इलाके में हैं. यहां सैटलाइट तस्वीरों, एयरक्राफ्ट और ड्रोन से नजर रखी जा रही है. भारतीय सेना का रुख साफ है कि वो पीएलए के सैनिकों की उकसावे वाली कार्रवाई का माकूल जवाब देंगे. साथ ही इंडियन आर्मी फॉरवर्ड पोजीशन से इंच भर भी पीछे नहीं हटेगी. इसके साथ ही प्रोटोकॉल के तहत ये ध्यान भी रखा जाएगा कि गैरजरूरी तरीके से चीनी सैनिकों को उकसाया न जाए.
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बात अगर चीन की करें तो वो बॉर्डर पर मिलिटरी इन्फ्रास्ट्रक्चर का एक जाल तैयार कर चुका है. तिब्बत में ही 14 एयरबेस बना चुका है. विशाल रेल नेटवर्क और 58,000 किलोमीटर लंबी सड़कों के जाल को तैयार कर चुका है. चीन अब अपने फाइटरजेट्स की पार्किंग के लिए कुछ एयरबेसों के पास पहाड़ खोदकर सुरंगें भी बना रहा है.
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चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के डेलिगेशन की प्लेनरी मीटिंग में ट्रेनिंग और जंग की तैयारियां तेज करने को कहा. हालांकि जिनपिंग ने किसी खतरे का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन उनका बयान ऐसे समय आया है जब बॉर्डर पर चीन और भारत के जवानों के बीच तनाव बना हुआ है.