अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान यास ने बंगाल की खाड़ी में पहुंचकर लैंडफॉल की प्रक्रिया पूरी की और यह कमजोर होकर 'गंभीर चक्रवाती' तूफान में तब्दील हुआ तो ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तबाही मचा दी. इन दोनों राज्यों में चक्रवाती तूफान ने अपने पीछे भयावह मंजर छोड़ा है. कहीं घरों की छतें उड़ गईं, कहीं मकान ढह गए तो कहीं विशालकाय के पेड़ भी तूफान में धराशायी हो गए. कई जगहों पर लोगों के घर पानी में डूब गए तो गलियां-सड़कें ऐसी नजर आने लगी की मानो यहां गाड़ियां नहीं चलती, बल्कि नावों में लोग जाते हों. यास तूफान के चलते 4 लोगों के मारे जाने की भी खबर है. ऐसा अनुमान है कि इस चक्रवात के कारण बहुत बड़ी संख्या में घर उजड़े हैं तो 20 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.
पश्चिम बंगाल में मचाई ऐसी तबाही
यास चक्रवात के चलते पश्चिम बंगाल में दो लोगों की मौत हुई है. एक की मौत ऊंची लहरों में बहने से हुई है तो दूसरे की मौत घर के ढहने से हुई. बंगाल में विशेषकर पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा, शंकरपुर, मंदारमनी दक्षिण 24 परगना जिले के बाद बकखाली, संदेशखाली, सागर, फ्रेजरगंज, सुंदरबन आदि जगहों पर लोग प्रभावित हुए हैं. बंगाल के तटीय इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हो गए. चक्रवात ‘यास’ के कारण नदियों में जलस्तर बढ़ने से पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों पूर्व मेदिनीपुर और दक्षिण 24 परगना के कई इलाकों में बुधवार को पानी भर गया. बढ़ते जलस्तर के कारण दोनों तटीय जिलों में कई स्थानों पर तटबंध टूट गए, जिसके कारण कई गांव और छोटे कस्बे जलमग्न हो गए.
नारियल के पेड़ों के शिखरों को छूतीं समुद्र की लहरें और बाढ़ के पानी में बहती कारें दिखाई दीं. चक्रवात के कारण समुद्र में दो मीटर से अधिक ऊंची लहरें उठीं और पूर्व मेदिनीपुर में दीघा एवं मंदारमणि और दक्षिण 24 परगना में फ्रेजरगंज और गोसाबा चक्रवात से प्रभावित हुए. सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य पुलिस एवं स्वयंसेवक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहे हैं. सेना ने पश्चिम बंगाल प्रशासन की मदद के लिए 17 एकीकृत राहत कॉलम की तैनाती की है जिनमें आवश्यक उपकरण और नाव के साथ विशेषज्ञ कर्मी शामिल हैं. इनमें एक कॉलम ने दीघा में फंसे 32 लोगों को बचाया.
तूफान की खामोशी के बाद ओडिशा में भी खौफनाक मंजर
चक्रवात यास के चलते ओडिशा के बालासोर और क्योझर जिलों में 2 लोग मरे हैं. तटीय इलाकों में तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई. 128 गांवों में चक्रवात यास के चलते ज्वार-भाटा और बारिश का पानी भरा है. चक्रवाती तूफान के दौरान समुंदर में ऊंची-ऊंची लहरें उठीं, जिन्हें देखकर हर कोई सिहर गया. भद्रक जिले के धमरा में और बालासोर से करीब 50 किलोमीटर दूर समुद्र तट पर सुबह करीब 9 बजे दस्तक देने वाले चक्रवात ने जिलों में कई कच्चे मकानों की छतों को उड़ा दिया.
ओडिशा में समुद्र तट से लगा हुआ सबसे नजदीकी गांव चूड़ामणि हैं, जहां 57 घरों वाला ये गांव पूरी तरह पानी में डूब चुका है. जल स्तर बढ़ता देख लोगों ने स्वयं ही सरकार द्वारा निश्चित आश्रय स्थल में शरण ली. पारादीप में तेज हवाएं और बारिश की वजह से सड़कों पर पेड़ गिर गए. पारादीप में चक्रवात 'यास' की वजह से मछली पकड़ने वाली नावों को नुकसान पहुंचा है. पश्चिम बंगाल-ओडिशा सीमा के पास उदयपुर में हवा ने कई चेक पोस्ट बैरिकेड्स उड़ा दिए. भारी बारिश के चलते भद्रक जिले के जमुझाड़ी रोड क्षतिग्रस्त हो गया.
अब झारखंड और बिहार की ओर बढ़ रहा चक्रवात
गंभीर चक्रवाती तूफान यास अब झारखंड और बिहार की ओर बढ़ रहा है. यास चक्रवात के चलते इन दोनों राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. झारखंड में हल्की से मध्यम वर्षा तथा कहीं-कहीं बहुत भारी वर्षा और अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी वर्षा होने का अनुमान है तो बिहार में भी भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. पश्चिम बंगाल में आज भी यास चक्रवात का असर जारी रहेगा. अगले 1-2 घंटों के दौरान पश्चिम बंगाल के कोलकाता, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जिलों के कुछ हिस्सों में बिजली और हल्की से मध्यम वर्षा के साथ गरज के साथ बारिश होने की संभावना है.
HIGHLIGHTS
- चक्रवाती तूफान यास के पीछे तबाही के निशान
- ओडिशा और बंगाल में दिखा खौफनाक मंजर
- चक्रवात से 4 लोगों की मौतें, कई लाख प्रभावित