बीते साल आए अम्फान तूफान को नजीर मानते हुए चक्रवाती तूफान यास (Yaas Cyclone) के प्रभाव से बचने को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. अगर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूवार्नुमान केंद्र की मानें तो बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने दबाव के उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने के साथ-साथ सोमवार सुबह तक इसके चक्रवाती तूफान में तब्दील होने और अगले 24 घंटों के दौरान बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना जताई जा रही है. इसके 26 मई को पश्चिम बंगाल (West Bengal) और ओडिशा (Odisha) तट पर पहुंचने का अनुमान है. मौसम विभाग के मुताबिक चक्रवाती तूफान यास भी चक्रवर्ती तूफान तौकते की तरह ही बड़ा खतरा बन चुका है. इस दौराना दोनों राज्यों में हवा 155 से 165 किमी प्रति घंटे से 185 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की संभावना है.
अभी यह है स्थिति
सैटेलाइट के सहारे ली गई इसकी तस्वीरों और महासागर की गतिशीलता का अध्ययन करने के बाद मौसम विभाग ने कहा कि शनिवार की शाम को पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक सुस्पष्ट कम दबाव का क्षेत्र एक विक्षोभ में केंद्रीभूत हो गया है और 23 मई को सुबह 11:30 बजे पोर्ट ब्लेयर (अंडमान द्वीपसमूह) से लगभग 560 किमी उत्तर उत्तर पश्चिम, पारादीप (ओडिशा) के 590 किमी पूर्व दक्षिण पूर्व, बालासोर (ओडिशा) के 690 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व तथा दीघा (पश्चिम बंगाल) के 670 किमी दक्षिण दक्षिण पूर्व के निकट अक्षांश 16.1 डिग्री उत्तर तथा देशांतर 90.2 डिग्री पूर्व में केंद्रित रहा.
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24 घंटों में ले लेगा उग्र रूप
इसके उत्तर उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने तथा 24 मई की सुबह तक एक चक्रवाती तूफान में सघन होने और अगले 24 घंटों के दौरान एक बेहद उग्र चक्रवाती तूफान में बदलने का अनुमान है. विभाग ने आगे यह भी बताया, चक्रवाती तूफान यास उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ना जारी रखेगा और धीरे-धीरे यह तेज होगा. 26 मई की सुबह तक इसके पश्चिम बंगाल तथा उत्तरी ओडिशा तटों के निकट उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक पहुंचने का अनुमान है. साथ ही एक बेहद उग्र तूफान के रूप में 26 मई की शाम तक इसके पारादीप तथा सागर द्वीपसमूह के बीच उत्तरी ओडिशा-पश्चिम बंगाल को पार करने का अनुमान है.
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बीते साल आए अम्फान जैसा ही खतरा
गौरतलब है कि एक साल पहले आए चक्रवाती तूफान अम्फान के दौरान तीन मिनट में हवा की रफ्तार 240 किमी प्रति घंटा हो गई थी, जिसके कारण 80 लोगों की जान चली गई थी. इसी तरह साल 1999 में आए सुपर साइक्लोन ने भी बंगाल की खाड़ी में भारी तबाही मचाई थी. उस दौराना ओडिशा में 260 से 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार हवा चलने लगी थी जिसके कारण 10,000 लोगों की जान चली गई थी. चक्रवाती तूफान यास के खतरे को देखते हुए दोनों राज्यों में, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल यानी एनडीआरएफ, सेना और तटरक्षक बल को सेवा में लगाया गया है. एनडीआरएफ की 85 टीमों में से 32 को बंगाल में और 28 को ओडिशा में तैनात किया गया है. कुछ टीमें आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में तैनात की गई हैं. बंगाल सरकार ने राज्य सचिवालय 'नबन्ना' में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है, जिसे मंगलवार और बुधवार को ममता बनर्जी खुद संचालित करेंगी.
HIGHLIGHTS
- सोमवार सुबह तक इसके चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की संभावना
- अगले 24 घंटों में बहुत गंभीर चक्रवाती तूफान में बदलने की संभावना
- पिछले साल आए अम्फान तूफान जैसी ही मचा सकती है तबाही