कश्मीर में 'बिगड़ते हालात' पर चिंता जताते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार को केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में सभी पक्षों से वार्ता प्रक्रिया शुरू करने को कहा। सिन्हा ने कहा, 'हम कश्मीर घाटी के बिगड़ते हालात से बेहद चिंतित हैं। हालिया घटनाओं में अनावश्यक ही लोगों की जानें गईं, उसे टाला जा सकता था।'
इस संबंध में जारी एक बयान में सिन्हा और 'कंसर्न्ड सिटिजन्स ग्रुप' के सदस्यों ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर एक राजनीतिक मुद्दा है और यह राजनीतिक समाधान की मांग करता है।'
सिन्हा ने कहा, 'मौजूदा रक्तपात ख़त्म होना चाहिए और यह केवल बातचीत के माध्यम से ही संभव है।'
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सिन्हा ने दिसंबर 2016 में 'कंसर्न्ड सिटिजंस ग्रुप' का नेतृत्व किया था, जिसमें वजाहत हबीबुल्लाह, शुशोभा बार्वे, भारत भूषण तथा सेवानिवृत एयर मार्शल कपिल काक मौजूद थे। इस ग्रुप ने कश्मीर में शांति को लेकर सभी पक्षों से बातचीत की थी।
उन्होंने एक रिपोर्ट भी जारी की थी, जिसमें घाटी में शांति बहाल करने को लेकर सुझाव दिए गए थे।
इस दौरे का उद्देश्य कश्मीर में शांति बहाली के तरीके ढूंढना था, जो जुलाई 2016 में आंतकवादी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी बुरहान वानी के सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही हिंसा की आग में जल रहा है।
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Source : IANS