पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने देश के नेताओं से अपील की है कि वह विदेशों में जाकर देश के अंदरूनी मामलों ने चर्चा से बचें। उन्होंने अपने एक ट्वीट के माध्यम से कहा है कि हालांकि यह परंपरा प्रधानमंत्री ने शुरू कि है लेकिन इससे दसरों को बचना चाहिए। ध्यान रहे कि आज ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में मॉब लिंचिंग जैसे मामलों पर बयान दिया है।
राहुल गांधी ने जर्मनी में बड़ा बयान
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आज जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में बुसेरियस समर स्कूल में छात्रों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को 'बेरोजगारी' से जोड़ा। उन्होंने कहा की देश में बेरोजगारी के बढ़ने की वजह से लोगों में गुस्सा है और उसी का कारण हैं यह हिंसक घटनाएं। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले प्रधानमंत्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था में नोटबंदी का फैसला किया और एमएसएमई के नकद प्रवाह को बर्बाद कर दिया, अनौपचारिक क्षेत्र में काम करने वाले लाखों लोग बेरोजगार हो गए। राहुल ने कहा कि बड़ी संख्या में छोटे व्यवसायों में काम करने वाले लोगों को वापस अपने गांव लौटने को मजबूर होना पड़ा। इससे लोग काफी नाराज हैं। लिंचिंग के बारे में जो कुछ भी हम सुनते हैं वो इसी का परिणाम है।
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पहले भी रख चुके हैं खुल कर विचार
सिन्हा पहले भी अपने विचार खुलकर रख चुके हैं। उन्होंने एक बार कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाया गया आपातकाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'अघोषित आपातकाल' से अलग था। उन्होंने कहा कि मोदी का 'अघोषित आपातकाल' भारतीय राजनीति में डाला गया धीमा जहर है। सिन्हा ने कहा था कि इंदिरा गांधी ने रातोरात आपातकाल की घोषणा कर दी और विरोधियों को जेल में डाल दिया। आज का आपातकाल भय का माहौल है जोकि अघोषित रूप से बन गया है। ऐसा अचानक नहीं हुआ। इसलिए हमें पता नहीं चला। यह धीमा जहर है जो भारत की राजनीति में डाल दिया गया है।
Source : News Nation Bureau