जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने को पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने विशुद्ध रूप से राजनीति करार दिया है. उन्होंने कहा, मोदी सरकार चुनाव जीतने के लिए ये कदम उठाया है. सैनिकों की तैनाती पर यशवंत सिन्हा ने कहा, सेना के वहां कई दिनों तक तैनात रह सकते हैं. ये स्थिति एक-दो दिनों में काबू में आने वाली नहीं है.
यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा, अगर ये फैसला लोगों के लिए इतना ही फायदेमंद है तो घाटी में भारी संख्या में जवानों की तैनाती क्यों हो रही है और वहां के नेताओं को गिरफ्तार क्यों किया जा रहा है? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक देश में मौजूदा हालातों को देखते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा, कि अगर आज देश में चुनाव होते तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का बयान भी तोड़ देते. दरअसल तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद, उनके बेटे राजीव गांधी ने 1984 में 400 से अधिक सीटें जीती थीं. ऐसे में यशवंचत सिन्हा ने कहा कि अगर आज देश में चुनाव होंगे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र 400 से ज्यादा सीटें जीतेंगे और राजीव गांधी के रिकॉर्ड को भी तोड़ देंगे.
इसके साथ ही यशवंत सिन्हा ने ये भी कहा कि सरकार जानती है कि कश्मीर में सरकार के इस फैसले का स्वागत नहीं होगा. यही वजह है कि वहां इतनी बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. यशवंत सिन्हा ने कहा, मैं ये सोचकर कांप जाता हूं कि तब क्या होगा जब सरकार राज्य में स्थिति पर काबू पाने के लिए कोई कदम उठाएगी.
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बता दें, सोमवार को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 समेत 35-ए पर ऐतिहासिक फैसले पेश किए. एक तरफ उन्होंने अनुच्छेद 370 (1) को छोड़कर बाकी सारे प्रावधान खत्म करने का संकल्प पेश कर दिया. वहीं जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. राजनीतिक तौर पर इन ऐतिहासिक फैसलों के बहुत दूरगामी परिणाम होंगे. खासकर जम्मू-कश्मीर की राजनीति में इसके बाद आमूल-चूल बदलाव आ जाएगा.
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क्या हैं अनुच्छेद 370 के हटने क मायने
- इसके तहत जम्मू-कश्मीर को संविधान के तहत मिले विशेषाधिकार खत्म हो गए.
- अब वहां न सिर्फ एक तिरंगा फहराएगा, बल्कि जम्मू-कश्मीर शेष देश के साथ मुख्यधारा में चल सकेगा.
- अब केंद्र उन मामलों में भी दखल दे सकेगा, जो संविधान के तहत मिले विशेष प्रावधानों के कारण अभी तक उसके अधिकार क्षेत्र के बाहर थे.
- इसका असर निश्चित तौर पर आतंकवाद के सफाये पर पड़ेगा.
- पाक परस्त नेताओं पर लगाम कसने में इससे मदद मिलेगी.
- आतंकवाद के चलते राज्य से पलायन करने वाले कश्मीरी पंडितों की वापसी भी सुनिश्चित हो सकेगी.
- बीजेपी ने इस तरह से उस ऐतिहासिक गलती को सुधारने का काम किया है, जिसने राज्य को दो परिवारों की बपौती बना रखा था. अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार धारा 370 के प्रावधानों का इस्तेमाल अपने-अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए करते आए थे.
Source : News Nation Bureau