पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने आर्थिक नीतियों को लेकर एक बार फिर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।
रविवार को सिन्हा ने महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अकोला में किसानों को संबोधित करते हुए 'राजशक्ति' पर अंकुश के लिए 'लोकशक्ति' का आह्वान किया। कार्यक्रम में सिन्हा ने जयप्रकाश नारायण को याद करते हुए लोगों से लोकशक्ति आंदोलन की अपील की जो कि राजसत्ता पर नियंत्रण रखेगी।
सिन्हा ने आर्थिक विकास के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि कारें और मोटरसाइकिलें अधिक बिकने का मतलब प्रगति नहीं होता।
सिन्हा ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, 'हमारी सरकार के मुखिया ने अपने हालिया घंटे भर के भाषण में भारत की प्रगति दिखाने के लिए संख्या का हवाला देते हुए कहा कि ज्यादा कारें और मोटरसाइकलें बेची गईं।'
उन्होंने सवाल किया, 'क्या इसका मतलब देश प्रगति कर रहा है। बिक्री तो हुई लेकिन क्या कोई उत्पादन हुआ।'
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सिन्हा ने कहा, 'हम पहले से मंदी का सामना कर रहे हैं, और आंकड़ों का क्या? आंकड़े एक चीज साबित कर सकते हैं तो उसी आंकड़े से दूसरी चीज भी साबित की जा सकती है।'
महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अकोला में किसानों के गैर सरकारी संगठन शेतकारी जगर मंच द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार पर जीएसटी और नोटबंदी को लेकर भी निशाना साधा।
यशवंत सिन्हा ने कहा कि मैं नोटबंदी पर बोलना नहीं चाह रहा था क्योंकि ऐसी चीज पर कोई क्या कहे जो फेल हो चुकी है।
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जीएसटी की आलोचना करते हुए सिन्हा ने कहा, "जब हम (बीजेपी) विपक्ष में थे तब सरकार पर 'टैक्स टेररिज्म' और 'रेड राज' का आरोप लगाते थे। आज जो चल रहा है वह भी टेररिज्म ही है।"
सिन्हा ने कहा कि जीएसटी गुड ऐंड सिंपल टैक्स हो सकती थी लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने इसे बैड ऐंड कॉम्प्लिकेटेड टैक्स बना दिया।
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Source : News Nation Bureau