धर्मसंसद में विवादित भाषण देने वाले गाजियाबाद (Ghaziabad, UP) स्थित डासना मंदिर (Dasnana Mandir) के मुख्य पुजारी यति नरसिंहानंद के खिलाफ कोर्ट ने जल्द कार्यवाही की अनुमति दे दी है. अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने संविधान और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कार्यवाही शुरू करने की इजाजत दी है. मुंबई निवासी समाजसेवी शाची नेल्ली ने हाल में नरसिंहानंद द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर वेणुगोपाल को चिट्ठी भेजी थी. उन्होंने अटॉर्नी जनरल से आपराधिक अवमानना कार्यवाही शुरू करने अनुमति मांगी थी. उनके पत्र का जवाब देते हुए, वेणुगोपाल ने अपनी कार्यवाही पर सहमति दे दी है. उन्होंने कहा 'बयान अदालत की अवमानना के बराबर है.' गौरतलब है कि निजी व्यक्ति द्वारा अवमानना याचिका दायर करने के लिए अटॉर्नी जनरल की सहमति की जरूरत होती है.
वेणुगोपाल ने क्या दिया जवाब?
वेणुगोपाल ने कहा- 'मैंने आपकी चिट्ठी पढ़ी और और यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए बयानों का वीडियो देखा. उन्हें लगता है कि यति नरसिंहानंद द्वारा दिए गए बयान आम जनता के मन में सुप्रीम कोर्ट के अधिकार को कम करने का सीधा प्रयास है. यह भारत के सर्वोच्च न्यायालय की अवमानना है.' उन्होंने कहा 'वे सुप्रीम कोर्ट की आपराधिक अवमानना के लिए कार्यवाही शुरू करने की सहमति देते हैं.'
इन धाराओं के तहत नरसिंहानंद के खिलाफ मामला दर्ज
गौरतलब है कि यति नरसिंहानंद फिलहाल गिरफ्तार हैं. उनके खिलाफ IPC की धारा 341, 504, 506 और 352 के तहत मामला दर्ज करा गया है. हरिद्वार में बीते वर्ष 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद में कथित तौर पर विवादित भाषण देने के आरोपी नरसिंहानंद फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. धर्म संसद के मामले को लेकर हरिद्वार नरसिंहानंद और जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी समेत दस से अधिक लोगों के खिलाफ दो FIR दर्ज की है. इस मामले की जांच जारी है.
HIGHLIGHTS
- नरसिंहानंद द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणी को लेकर चिट्ठी भेजी थी
- हरिद्वार में बीते वर्ष 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद में विवादित भाषण दिया
- नरसिंहानंद समेत दस से अधिक लोगों के खिलाफ दो FIR दर्ज की है