यस बैंक भ्रष्टाचार मामला: बंबई उच्च न्यायालय ने यस बैंक (Yes Bank) धोखाधड़ी मामले में दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रवर्तकों कपिल और धीरज वधावन की जमानत अर्जी बुधवार को खारिज कर दी. न्यायमूर्ति एस. वी. कोतवाल की पीठ ने 23 अक्टूबर को उनकी जमानत अर्जी पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। वधावन बंधुओं ने उच्च न्यायालय में अर्जी देकर जमानत का अनुरोध किया था. उनका दावा था कि मामले की जांच कर रही सीबीआई ने शहर की विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष आरोप पत्र दाखिल करने से पहले सीआरपीसी की प्रक्रियागत जरुरतों को पूरा नहीं किया.
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वधावन बंधुओं की ओर से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने दलील दी कि सीबीआई ने विशेष मजिस्ट्रेट के समक्ष रिपोर्ट फाइल करने से पहले सीआरपीसी की धारा 173 के तहत तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया. मामले में सीबीआई की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल अनिल सिंह ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए कहा कि सीबीआई ने सभी प्रक्रियाओं का पालन किया है.
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अप्रैल से जून 2018 के बीच हुआ था घोटाला
बता दें कि सीबीआई की प्राथमिकी के मुताबिक यह घोटाला अप्रैल से जून 2018 के बीच हुआ था, जब यस बैंक ने घोटाला प्रभावित डीएचएफएल के अल्प अवधि के रिणपत्र में 3,700 करोड़ रुपये निवेश किये थे. इसके एवज में वधावन ने कथित तौर पर कपूर और उनके परिवार के सदस्यों को रिण के रूप में 600 करोड़ रुपये की कथित तौर पर रिश्वत दी थी. सीबीआई के अलावा प्रवर्तन निदेशालय भी यस बैंक घोटाले के सिलसिले में दोनों भाइयों की भूमिका की जांच कर रहा है.