कार्यकर्ता योगेंद्र यादव (Yogendra Yadav) ने रविवार को कहा कि उन्होंने संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) समन्वय समिति से इस्तीफा दे दिया है. यादव, जिन्होंने पिछले साल साल भर के कृषि आंदोलन के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, ने कहा कि वह किसानों के समूह के "सैनिक" बने रहेंगे. यादव के त्यागपत्र को SKM ने दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज में एक संवाददाता सम्मेलन में सार्वजनिक किया. आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व नेता यादव ने पत्र में कहा कि वह अब SKM की समन्वय समिति के सदस्य नहीं रहेंगे, जो लगभग 40 किसान संघों की एक संस्था है, जिन्होंने पिछले साल खत्म हो चुके कृषि कानून के विरोध में किसानों के आंदोलन का नेतृत्व किया था.
योगेंद्र यादव ने कहा, "मैं अब एसकेएम की समन्वय समिति का सदस्य होने की जिम्मेदारी नहीं उठा पाऊंगा. यह महत्वपूर्ण है कि किसान विरोधी मोदी सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए सभी आंदोलनों और विपक्षी राजनीतिक दलों की ऊर्जा शामिल हो. इसलिए, इसके लिए मैं किसान आंदोलन के अलावा अन्य आंदोलनों के संपर्क में हूं. यादव ने एसकेएम को लिखे अपने पत्र में कहा, "इस प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए एसकेएम समन्वय समिति की जिम्मेदारी के साथ न्याय करना मेरे लिए संभव नहीं होगा." यादव का फैसला कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा सिविल सोसायटी के सदस्यों के साथ बैठक करने और कुछ दिनों में शुरू होने वाली पार्टी की मेगा भारत जोड़ी रैली में उनका सहयोग और भागीदारी की मांग के कुछ दिनों बाद आया है.
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यादव ने कहा कि "जय किसान आंदोलन" के सदस्य होने के नाते वह हमेशा एसकेएम के "सैनिक" रहेंगे. लखीमपुर हिंसा के दौरान मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के शोक संतप्त परिवारों से मिलने के बाद एसकेएम ने पिछले साल अक्टूबर में यादव को किसान निकाय से एक महीने के लिए निलंबित कर दिया था.