उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए धर्मस्थलों से लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। इसके लिए अनुमति लेना जरूरी होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वहां पर लगे लाउड स्पीकर को उतार लिए जाएंगे। धर्मस्थलों के सत्यापन के लिए पुलिस को निर्देश भी दे दिया गया है।
दरअसल, ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाई कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से निर्देश जारी हुआ है कि 15 जनवरी तक लाउडस्पीकर लगाने की अनुमति ले ली जाए वरना 16 जनवरी से लाउडस्पीकर हटाए जाने की मुहिम चलाई जायेगी। यह अभियान 20 जनवरी तक चलाया जाएगा और इसकी रिपोर्ट शासन को दी जाएगी।
इस अल्टीमेटम के बाद अनुमति लेने के लिए लोगों के बीच होड़ सी मच गई है। जगह -जगह फॉर्म भरने के लिए संगठन सक्रिय नजर आए और लखनऊ में इसी तरह के कैंप पर भारी भीड़ भी देखने को मिली।
पुलिस प्रशासन का कहना है कि तयशुदा समय के बाद लाउडस्पीकर लगा रहने पर उसे उतार लिया जाएगा।
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बता दे कि हाईकोर्ट ने लाउडस्पीकर हटाने का आदेश ध्वनि प्रदूषण को रोकने के लिए दिया गया था। लेकिन इसको लेकर सरकार की तरफ से उठाये कदम को लेकर सवाल भी उठाये जा रहे हैं। वहीं हाईकोर्ट के आदेश का पालन करवाने के लिए पुलिस की टीम सड़कों पर नज़र आ रही है।
सार्वजनिक स्थानों पर कहां-कहां लाउडस्पीकर लगे हैं। पुलिस की टीम इसकी जांच में जुट गई है। कुछ संगठनों का कहना है कि हाईकोर्ट ने प्रदूषण रोकने के मकसद से कदम उठाए हैं लेकिन प्रशासन सियासी ऐजेंडे के तहत काम कर रहा है।
बता दें कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय में पिछले सप्ताह आदेश दिया था कि जितने भी धार्मिक स्थल हैं उन पर लगे लाउडस्पीकर अनुमति के बाद ही बजें, जिससे ध्वनि प्रदूषण पर काबू पाया जा सके।
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Source : News Nation Bureau