उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को समाज के समग्र विकास की उपेक्षा करने और अपने हित में काम करने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सभी के कल्याण के लक्ष्य को साकार करने के लिए काम किया है।
मुख्यमंत्री ने लखनऊ में भाजपा की प्रदेश इकाई द्वारा आयोजित पिछड़ा वर्ग सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, 2014 से पहले शासन करने वालों का नारा सबका साथ, उनके परिवार का विकास था। उन्हें समाज और राष्ट्र के विकास को लेकर परवाह नहीं थी। हमने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के संकल्प को पूरा करने के लिए काम किया। समाज में एक भी व्यक्ति वंचित रह जाए, तो भी वह समृद्ध नहीं हो सकता। समाज की समृद्धि का आधार सभी वर्गों का विकास होने पर ही बनता है।
मुख्यमंत्री ने पिछड़े वर्गों के कल्याण और पार्टी संगठन में उन्हें दिए गए पदों के संबंध में राज्य और केंद्र सरकारों की उपलब्धियों को सूचीबद्ध किया।
भाजपा राष्ट्रवादी विचारधारा में विश्वास रखती है। इसका मूल मंत्र- सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे भवन्तु निरामया है। खुशी की बात है कि सरकार की योजनाएं समाज की आत्मनिर्भरता का आधार बनती जा रही है।
योगी आदित्यनाथ ने राज्य के विकास में बाधा डालने के लिए पिछली सरकारों पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सांप्रदायिक आग में जलता था। यही कारण था कि राज्य इतना पिछड़ रहा था। स्थिति बिगड़ती गई, बेरोजगारी बढ़ी, राज्य चारों ओर दंगों और झड़पों से जल रहा था।
पहले त्योहारों के दौरान, जब व्यापार का समय होता था, सरकार की नाक के नीचे हो रहे दंगों / झड़पों के कारण कर्फ्यू लगाया जाता था। पिछली सरकारें दंगाइयों को आश्रय देती थीं। लोगों को परेशान किया जाता था, झूठे मुकदमे दर्ज किए जाते थे। त्योहार अंधेरे में धकेल दिया गया। पिछले साढ़े चार साल में एक भी दंगा नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री ने दंगाइयों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, अगर आप प्रदेश की शांति भंग करते हैं, तो इसकी भरपाई आपकी आने वाली सात पीढ़ियां करेंगी।
उन्होंने आगे कहा, आज राज्य में हर तरह से विकास हो रहा है। हमारी सरकार ने 2.61 करोड़ शौचालय बनाए हैं और गांवों में सामुदायिक शौचालय भी बन रहे हैं। पीएम आवास योजना के तहत 42 लाख लोगों के लिए घर बनाए जा रहे हैं।
सरकार ने वंचितों की मदद कैसे की, यह बताते हुए योगी ने कहा कि 2017 में सत्ता में आने के बाद माटी कला बोर्ड का गठन किया गया था।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा, पहले हमारी मूर्तियां चीन से आती थीं, हमारे समाज के लोग बिना किसी काम के बैठ जाते थे। अब, हमें चीन से मूर्तियां नहीं मिल रही हैं, बल्कि अपने दम पर बना रही हैं। दीपावली पर दीये भी बन रहे हैं।
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Source : IANS